सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आ रही Air India की फ्लाइट में उड़ी यात्रियों की नींद
नेशनल डेस्क
कोलकाता। Air India की एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट में तकनीकी खराबी के चलते मंगलवार सुबह यात्रियों को बीच रास्ते में ही विमान से उतारना पड़ा। सैन फ्रांसिस्को से मुंबई के लिए उड़ान भर चुकी Air India की फ्लाइट AI180 कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरी, लेकिन इसके बाएं इंजन में तकनीकी खराबी सामने आई, जिससे यात्रियों में घबराहट फैल गई। लगभग चार घंटे तक वे विमान में बैठे रहे और फिर सुबह 5:20 बजे उन्हें फ्लाइट से बाहर लाया गया।
Air India की ओर से बताया गया कि यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। कैप्टन ने यात्रियों को सूचित किया कि जब तक तकनीकी जांच पूरी नहीं हो जाती, उड़ान आगे नहीं बढ़ सकती। इस दौरान यात्रियों को भोजन, जलपान और रुकने की व्यवस्था एयरपोर्ट पर ही कराई गई।
फ्लाइट AI180 ने समय पर सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। तय योजना के तहत कोलकाता एयरपोर्ट पर इसका ठहराव तय था। लेकिन जैसे ही विमान कोलकाता पहुंचा और तकनीकी जांच शुरू हुई, बाएं इंजन में समस्या दर्ज की गई। Air India प्रबंधन के अनुसार यह एक मानक प्रक्रिया है कि लंबे मार्गों पर उड़ने वाले विमानों की तकनीकी जांच ठहराव के समय की जाती है।
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इस घटना के बाद यात्रियों में असहजता और नाराजगी देखी गई, कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर Air India की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। यात्रियों का कहना था कि एयरलाइन ने उन्हें तकनीकी खराबी के बारे में कई घंटे तक सही जानकारी नहीं दी। हालांकि, एयर इंडिया की तकनीकी टीम और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मौके पर ही स्थिति को संभालने का प्रयास किया।
इस घटना से कुछ ही दिन पहले Air India की एक और फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरते वक्त बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से टकरा गई थी, जिसमें 265 लोगों की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में Air India को लेकर यात्रियों में पहले से ही आशंका का माहौल है।
इसके अतिरिक्त, हांगकांग से दिल्ली जा रही फ्लाइट AI315 को भी हाल ही में उड़ान के दौरान तकनीकी दिक्कत के कारण लौटना पड़ा था। यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर से संचालित हो रही थी। तकनीकी संकेत मिलते ही विमान को हवा में मोड़ा गया और वापस हांगकांग में सुरक्षित उतारा गया।
इसी तरह, रविवार को लंदन से चेन्नई आने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 को भी उड़ान के कुछ मिनट बाद वापस लैंड कराना पड़ा था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में फ्लैप सिस्टम में गड़बड़ी के संकेत मिले थे। विमान ने लगभग डेढ़ घंटे तक हवा में चक्कर लगाने के बाद हीथ्रो एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की। पायलट ने हवा में ईंधन छोड़कर वजन को नियंत्रित किया।
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केवल यही नहीं, लुफ्थांसा की फ्लाइट LH752 को भी हैदराबाद एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति न मिलने के कारण फ्रैंकफर्ट लौटना पड़ा था। बम की धमकी वाले ईमेल के बाद सुरक्षा समिति की सिफारिश पर ऐसा किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर यात्रियों को विमान से उतारा गया और जांच की गई। 15 जून को जेद्दा से लखनऊ पहुंचे सऊदी अरब के विमान के पहियों से धुआं निकलता देखा गया। हालांकि एआरएफएफ टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए किसी भी संभावित हादसे को टाल दिया।
इन तमाम घटनाओं से स्पष्ट है कि हाल के दिनों में Air India समेत कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस को तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही तकनीकी समस्याओं और यात्री सुरक्षा से जुड़े मामलों ने नागरिक उड्डयन नियामकों को भी सतर्क कर दिया है।
Air India की घटनाओं को लेकर DGCA की टीम समीक्षा बैठक करने वाली है। विशेषज्ञों के अनुसार, तकनीकी खराबी के बावजूद यदि सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन हो और यात्रियों की जान बचा ली जाए, तो यह एयरलाइन की जिम्मेदारी और सतर्कता को दर्शाता है।
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