एसपी ने कहा-अनुशासन और सेवा है प्रशिक्षु आरक्षियों की असली पहचान
संवाददाता
गोंडा। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बुधवार को पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु आरक्षियों से संवाद स्थापित कर न केवल उनकी समस्याएं सुनीं, बल्कि आधारभूत सुविधाओं का सघन निरीक्षण कर खामियों पर सख्त नाराजगी भी जताई।
आरक्षी भर्ती-2023 के अंतर्गत ज्वॉइनिंग ट्रेनिंग कोर्स (जेटीसी) के पहले चरण में आए इन प्रशिक्षु आरक्षियों के साथ संवाद के दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की रीढ़ बन रहे ये नवागत जवान भविष्य की कानून व्यवस्था की दिशा तय करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षु आरक्षियों को सिर्फ हथियार चलाने या परेड की क्षमता तक नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और जनोन्मुख पुलिसकर्मी के रूप में ढालने की जरूरत है।
संवाद के दौरान प्रशिक्षु आरक्षियों ने प्रशिक्षण व्यवस्था, अनुशासन, मेस, बैरक और शौचालयों से जुड़ी अपनी बात रखी। उन्होंने यह भी बताया कि गोंडा जैसे जिले में उन्हें एक सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल मिल रहा है, जिससे उनका मनोबल ऊंचा है। पुलिस अधीक्षक ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी हर जरूरत पर विभाग सतर्क रहेगा।
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इसके बाद एसपी विनीत जायसवाल ने स्वयं मेस, बैरक, शौचालय, पेयजल और साफ-सफाई जैसे आधारभूत पहलुओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ बैरकों में नियमित सफाई के अभाव पर उन्होंने नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि साफ-सफाई का स्तर तत्काल सुधारा जाए।
प्रशिक्षु आरक्षियों के भोजन की गुणवत्ता और समयबद्धता पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। मेस में पोषणयुक्त और स्वच्छ भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का हर पहलू संतुलित हो, तभी एक जिम्मेदार पुलिस बल तैयार हो सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशिक्षु आरक्षियों को किसी भी स्तर पर असुविधा न हो, इसके लिए निगरानी तंत्र को और सख्त किया जाए।

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पेयजल की उपलब्धता को लेकर संतोष जताने के बावजूद उन्होंने गुणवत्ता की नियमित जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं की उपेक्षा भविष्य के पुलिस बल की गुणवत्ता पर असर डाल सकती है। निरीक्षण के अंत में उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षु आरक्षी के समग्र विकास के लिए शारीरिक, मानसिक और नैतिक तीनों स्तरों पर प्रशिक्षण सुदृढ़ हो।
इस दौरान क्षेत्राधिकारी लाइन शिल्पा वर्मा, प्रशिक्षु उपाधीक्षक मयंक मिश्रा, प्रतिसार निरीक्षक व अन्य कर्मचारीगण मौजूद रहे। एसपी ने यह भी कहा कि प्रशिक्षु आरक्षी यदि इस प्रारंभिक प्रशिक्षण में उत्कृष्टता दिखाते हैं, तो वे भविष्य में अपने-अपने थानों में जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकेंगे।
पुलिस अधीक्षक का यह दौरा न केवल प्रशिक्षु आरक्षियों के लिए मार्गदर्शन का अवसर बना, बल्कि विभागीय अधिकारियों के लिए एक चेतावनी भी कि आधारभूत सुविधाओं में कोताही किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं।
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