Thursday, July 10, 2025
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राजा रघुवंशी हत्याकांड में 2003 के ‘रिंग रोड मर्डर’ की डरावनी झलक

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। शिलांग में हुए राजा रघुवंशी हत्याकांड ने देश को झकझोर कर रख दिया है। राजा रघुवंशी हत्याकांड मामला न केवल दिल दहला देने वाला है, बल्कि इसकी कहानी 22 साल पुराने बेंगलुरु के कुख्यात ‘रिंग रोड मर्डर केस’ से मेल खाती नजर आ रही है। घटना की शुरुआत एक शादी से हुई थी और अंत एक खाई में मिली लाश से।

मेघालय पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय सोनम ने 11 मई को इंदौर निवासी राजा रघुवंशी से विवाह किया था। हनीमून मनाने के लिए यह नवविवाहित जोड़ा 20 मई को मेघालय पहुंचा। लेकिन 23 मई को अचानक दोनों से परिवार का संपर्क टूट गया। लगातार तलाशी के बाद 2 जून को ईस्ट खासी हिल्स जिले के वाइ सॉडोंग फॉल्स के पास एक गहरी खाई से राजा रघुवंशी की आधी सड़ी-गली लाश बरामद हुई। वहीं, सोनम का कोई अता-पता नहीं था।

राजा रघुवंशी हत्याकांड ने वर्ष 2003 में हुए बेंगलुरु के ‘रिंग रोड मर्डर केस’ की याद दिला दी, जब कानून की पढ़ाई कर रही शुभा नाम की छात्रा ने अपने प्रेमी अरुण वर्मा के साथ मिलकर अपने मंगेतर गिरीश की हत्या कर दी थी। अब 22 साल बाद, एक बार फिर एक गुप्त प्रेम प्रसंग, धोखा और फिर नरसंहार की साजिश सामने आई है।

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मेघालय हनीमून मर्डर केस: अब तक की जांच में क्या सामने आया

पुलिस जांच में सामने आया कि सोनम ने राजा रघुवंशी के कत्ल की साजिश अपने प्रेमी राज खुशवाहा और तीन अन्य लोगों आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी के साथ मिलकर रची थी। पुलिस के अनुसार, 22 मई को सोनम और राजा ने बिना किसी बुकिंग के सोहरा स्थित एक होमस्टे में प्रवेश किया, लेकिन वहां जगह नहीं मिलने पर उन्होंने अपना सामान वही छोड़ दिया और नोंग्रियाट गांव की ओर ट्रेक कर गए, जहां वे डबल डेकर रूट ब्रिज देखने के लिए रुके।

अगले दिन यानी 23 मई को दोनों वापस आए और उसी दिन वे वाइ सॉडोंग फॉल्स की ओर निकले। इसी दौरान रास्ते में तीन युवक उनसे मिले और हिंदी में बातचीत शुरू की। पुलिस का कहना है कि सोनम ने ही इन तीनों को हत्या का इशारा दिया, जिसके बाद राजा रघुवंशी की हत्या कर दी गई। सोनम लगातार अपने प्रेमी राज के संपर्क में थी, और राज फोन पर हत्यारों को निर्देश दे रहा था।

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राजा रघुवंशी हत्याकांड में 2003 के ‘रिंग रोड मर्डर’ की डरावनी झलक

सोनम की गिरफ्तारी और अहम सुराग

कुछ दिन बाद सोनम उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में संदिग्ध हालत में मिली। उसने दावा किया कि उसे बेहोश कर अगवा किया गया था और उसे कुछ याद नहीं है। लेकिन पुलिस को शक था। पुलिस ने जब सोहरा के होमस्टे में छोड़े गए बैग की तलाशी ली, तो उसमें से एक मंगलसूत्र और अंगूठी बरामद हुई।

मेघालय के डीजीपी एल. नोंग्रांग के अनुसार, ‘एक नवविवाहित महिला अपने मंगलसूत्र और अंगूठी इस तरह नहीं छोड़ती। यही सुराग हमें सोनम की ओर इशारा करता मिला।’ तीनों कथित हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद सोनम ने नंदगंज थाने (उत्तर प्रदेश) में आत्मसमर्पण किया। पूछताछ और फोन रिकॉर्ड्स से पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी घोषित किया।

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2003 ‘रिंग रोड मर्डर केस’ से समानता

2003 में शुभा ने गिरीश से सगाई की थी, लेकिन वह अरुण वर्मा से प्यार करती थी। गिरीश को रास्ते से हटाने के लिए उसे मार डाला गया। शुभा और अरुण के फोन कॉल्स, और सगाई के वीडियो में शुभा की बेरुखी पुलिस की जांच में निर्णायक साबित हुई थी। उसी तरह, 2025 में सोनम ने भी राजा से विवाह किया, लेकिन राज खुशवाहा से प्रेम संबंध जारी रखा। दोनों मामलों में मंगेतर/पति को ठिकाने लगाने के लिए हत्या की साजिश रची गई।

जांच जारी है

मेघालय पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और यह तय करने में जुटी है कि क्या सोनम की “पीड़िता” वाली कहानी में कोई सच्चाई है, या यह एक पूर्व नियोजित हत्या का मामला है। इस भयावह मामले ने एक बार फिर साबित किया है कि प्यार और धोखे की कहानियों का अंत कभी-कभी जेल की सलाखों या श्मशान की राख में होता है।

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