अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय एवं एमएलके पीजी कॉलेज के बीएड विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सप्ताहव्यापी कार्यक्रम की श्रृंखला में गुरुवार को एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाविद्यालय सभागार में हाइब्रिड मोड में आयोजित इस संगोष्ठी का विषय ‘योग: ज्ञान व अनुभव का संगम’ रहा।
संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने की, जिन्होंने ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘योग चित्तवृत्ति निरोध’ का सिद्धांत आज के विकर्षणों से भरे समय में अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने योग को मानसिक स्वास्थ्य व जीवन गुणवत्ता सुधार का सशक्त माध्यम बताया।
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योग प्रशिक्षक डॉ. वीरेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि योग का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन की प्राप्ति है। बलरामपुर हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ. नंदलाल जिज्ञासु ने योग की जलनेति क्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय नेचुरोपैथी संगठन के जोनल सचिव अनिल कुमार सिंह ने योग को लोककल्याण से जोड़ते हुए इसके दर्शन की व्याख्या की। नेपाल से जुड़े योगदर्शन विशेषज्ञ स्वामी ज्ञानमित्र ने कहा कि योग केवल अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन की धारण करने योग्य अवस्था है।

पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रेश्वर पांडेय ने योग को प्रकृति व कलाओं से जोड़ने वाला माध्यम बताया। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं बीएड विभागाध्यक्ष प्रो. राघवेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन लेफ्टिनेंट डॉ. देवेंद्र कुमार चौहान ने किया, जबकि तकनीकी सहयोग अभिषेक सिंह और आदित्य प्रताप सिंह का रहा।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। संगोष्ठी में अमेरिका, नेपाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षाविदों एवं शोधकर्ताओं ने ऑनलाइन सहभागिता की। इस अवसर पर डॉ. उपेंद्र सोनी, हेमंत तिवारी, डॉ. लवकुश पांडेय, डॉ. केके सिंह, डॉ. पंकज गुप्त, डॉ. केके मिश्र, श्रीनारायण सिंह, डॉ. विशाल गुप्त समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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