भाजपा विधायक के प्रभाव से दबी रह गई FIR की धाराएं, बाद में सामने आई सच्चाई
नाबालिग से गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में 3 गिरफ्तार, पुलिस पर लीपापोती का आरोप
संवाददाता
अमेठी। जिले में नाबालिग से गैंगरेप के सनसनीखेज मामले ने प्रशासन और राजनीति दोनों में खलबली मचा दी है। आरोप है कि भाजपा विधायक सुरेश पासी का भतीजा रवि कुमार अपने दो साथियों के साथ एक 16 वर्षीय लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पुलिस ने नाबालिग से गैंगरेप मामले में रवि कुमार समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि शुरू में पुलिस ने सिर्फ अपहरण की धाराएं लगाईं, लेकिन बाद में जब पीड़िता ने अदालत में बयान दर्ज कराया, तब जाकर पुलिस ने गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ीं। इससे पहले पीड़िता की मां ने आरोप लगाया था कि पुलिस भाजपा विधायक के प्रभाव में आकर मामले को हल्का बना रही है और समझौते का दबाव डाल रही है।
शुरुआत में छिपाई गई थी गैंगरेप की सच्चाई
नाबालिग से गैंगरेप का मामला मोहनगंज थाना क्षेत्र का है। पीड़िता की मां ने 13 जून को शिकायत दी थी कि उसकी नाबालिग बेटी आठ जून को लापता हो गई। बाद में रायबरेली बस स्टेशन पर मिली। मां का आरोप है कि रवि कुमार, बाबादीन और रामबचन उसे बहला-फुसलाकर ले गए और दुष्कर्म किया। शिकायत के बावजूद पुलिस ने बीएनएस की धारा 137(2) (अपहरण) और 87 (महिला का अपहरण कर विवाह के लिए मजबूर करना) के तहत ही केस दर्ज किया, नाबालिग से गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध की धाराएं जानबूझकर नहीं लगाईं।
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अदालत के हस्तक्षेप के बाद जुड़ीं गंभीर धाराएं
पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने बताया कि 16 जून को जब पीड़िता ने अदालत में बयान दिया, तभी जाकर केस में सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं। इसके बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी तब हुई जब पीड़िता और उसके परिवार ने लगातार पुलिस पर लापरवाही और दबाव में काम करने के आरोप लगाए।
मां का आरोप: बेटी के साथ हुई दरिंदगी, लेकिन दबाव बनाया गया
पीड़िता की मां ने साफ कहा कि पुलिस उन्हें समझौते के लिए मजबूर कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को बहलाकर आरोपी ले गए और 80 हजार रुपये भी लेकर फरार हुए। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी के साथ गलत हुआ है। पुलिस ने शुरुआत में कार्रवाई नहीं की और नेताओं के प्रभाव में आकर मामले को दबाने की कोशिश की।”
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भाजपा विधायक की चुप्पी पर उठे सवाल
मामले में आरोपी रवि कुमार उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सुरेश पासी का भतीजा है। लेकिन विधायक की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस चुप्पी ने विपक्ष और आम जनता के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या विधायक को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी? या फिर वे जानबूझकर इस विषय से दूरी बनाए हुए हैं?
सोशल मीडिया पर गुस्सा, प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव
नाबालिग से गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध में पुलिस की शुरुआत से ढिलाई, राजनीतिक दबाव और प्राथमिकी में धाराओं को छिपाने की कोशिश पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। सोशल मीडिया पर पुलिस और विधायक के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ कठोरतम सजा की मांग की है और निष्पक्ष जांच की अपील की है।
क्या सच में निष्पक्ष कार्रवाई होगी?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या नाबालिग से गैंगरेप मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई होगी या फिर राजनीतिक दबाव के चलते फिर कोई समझौता या लीपापोती की जाएगी? प्रशासन और शासन दोनों की साख इस मामले में दांव पर है। नाबालिग से गैंगरेप जैसे अपराध में यदि प्रभावशाली आरोपी को सजा नहीं मिली, तो यह समाज और न्याय प्रणाली के लिए गंभीर संकट होगा।
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