प्रादेशिक डेस्क
मथुरा। Landslide Incident ने मथुरा के गोविंद नगर क्षेत्र में रविवार को भयंकर तबाही मचाई। शाहगंज दरवाजा क्षेत्र में सिद्ध बाबा मंदिर के पास एक पुराना टीला अचानक खिसक जाने से 7 मकान मलबे में तब्दील हो गए। इस भयावह हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो सगी बहनें, 6 वर्षीय यशोदा और 3 वर्षीय काव्या शामिल हैं। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। प्रशासन, पुलिस, और बचाव दलों ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। Landslide Incident में एक दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
सिद्ध बाबा मंदिर के पास अचानक गिरा पुराना टीला
Landslide Incident रविवार सुबह गोविंद नगर के शाहगंज फाटक के पास कच्ची सड़क पर हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार, टीले के चारों ओर एक सप्ताह से दीवार निर्माण का काम चल रहा था। इसका मकसद बारिश में मिट्टी के धंसने से रोकना था। सिद्ध बाबा मंदिर के पास स्थित एक पुराना टीला अचानक खिसक गया। देखते ही देखते 7 मकान धराशायी हो गए। मकानों में रहने वाले परिवार और पास में निर्माणाधीन दीवार पर काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं।
जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने की कोशिश
Landslide Incident के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। मरने वालों में वृंदावन के गौतमपाड़ा निवासी मोहन लाल की दो बेटियां, 6 वर्षीय यशोदा और 3 वर्षीय काव्या शामिल हैं। दोनों बहनें अपने ननिहाल आई थीं। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हुई है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निराज अग्रवाल ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की। कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। एक महिला और एक बच्चे को मलबे से निकाला गया, जिन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया।
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प्रत्यक्षदर्शी संजय रोहिला का खौफनाक अनुभव
प्रत्यक्षदर्शी लेखपाल संजय रोहिला ने Landslide Incident का खौफनाक मंजर बयां किया। उनका घर घटनास्थल के पास ही है। संजय ने बताया कि वह अपनी कार गैराज से निकालने के लिए बाइक से आए थे। उनकी पत्नी और बेटा भी साथ थे। तभी अचानक टीला गिरने लगा। संजय ने बाइक छोड़कर परिवार के साथ भागकर जान बचाई। उन्होंने बताया कि दो बच्चे मलबे के साथ नीचे गिरे। कई मजदूर भी मलबे में दब गए। प्रत्यक्षदर्शी संजय रोहिला ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से उन्हें भी चोटें आईं।
सीएम योगी ने दिए निर्देश
Landslide Incident के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। डीएम और एसएसपी की मौजूदगी में राहत कार्य चल रहे हैं। पुलिस, फायर ब्रिगेड, और नगर निगम की टीमें मलबा हटाने में जुटी हैं। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में सहयोग किया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
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प्रशासन की सक्रियता, बचाव कार्य में तेजी
Landslide Incident के बाद के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू किए। डीएम चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार मौके पर पहुंचे। छह जेसीबी मशीनें और आधा दर्जन कर्मचारी मलबा हटाने में जुटे हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच रही हैं। डीएम सीपी सिंह ने कहा कि प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाने की है। जांच बाद में होगी। मलबा अधिक होने से बचाव कार्य में मुश्किल हो रही है। पुलिस, एनडीआरएफ, और स्थानीय बचाव दलों ने मिलकर राहत कार्य शुरू किया।
स्थानीय लोग सदमे में
Landslide Incident ने गोविंद नगर और शाहगंज दरवाजा क्षेत्र में दहशत फैला दी है। स्थानीय लोग हादसे से स्तब्ध हैं। कई परिवार अपने परिजनों की तलाश में घटनास्थल पर जमा हैं। मंदिर के पास रहने वाले लोगों ने बताया कि टीला पुराना था, लेकिन इस तरह के हादसे की कोई आशंका नहीं थी। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने टीले और आसपास के निर्माण कार्यों की जांच जरूरी है। बारिश या अन्य प्राकृतिक कारणों से टीले के खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है।

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ऐसे हादसों को रोकने की जरूरत
Landslide Incident ने एक बार फिर पुराने ढांचों और प्राकृतिक खतरों पर ध्यान देने की जरूरत बताई है। मथुरा जैसे शहरों में पुराने टीले और इमारतें खतरे का कारण बन सकती हैं। प्रशासन को भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि क्षेत्र में सुरक्षा ऑडिट किया जाए।
Landslide Incident ने मथुरा में एक दर्दनाक हादसा सामने लाया है। पांच मकानों के धराशायी होने और दर्जनभर लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। प्रशासन का बचाव कार्य जारी है, लेकिन यह हादसा सुरक्षा और नियोजन की खामियों को उजागर करता है। दुनिया की नजर अब इस बात पर है कि मथुरा प्रशासन इस त्रासदी से कैसे निपटता है।
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