Wednesday, July 16, 2025
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ईरान पर हमला! सेना प्रमुख और परमाणु वैज्ञानिक की मौत

अमेरिका ने कहा-इजराइल के ईरान पर हमला करने में हमारा कोई हाथ नहीं

इंटरनेशनल डेस्क

ईरान पर हमला कर इजरायल ने पूरे विश्व को चौंका दिया है। गुरुवार देर रात राजधानी तेहरान सहित कई इलाकों में की गई इजरायली वायुसेना की एयर स्ट्राइक में ईरान के सैन्य प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी और एक शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की मौत की खबर सामने आई है। इजरायली रक्षा सूत्रों ने इस हमले को रणनीतिक कार्रवाई बताया है, जबकि अमेरिका ने इससे स्पष्ट दूरी बना ली है।

इजरायल के एक रक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि इस सैन्य कार्रवाई में ईरान की सेना के सर्वोच्च प्रमुख जनरल मोहम्मद बाघेरी, उनके कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और एक वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं। यह जानकारी प्रारंभिक खुफिया आकलन के आधार पर सामने आई है, जिसकी स्वतंत्र पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है।

ईरान पर हमला बना क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण
जनरल बाघेरी को ईरान की सामरिक और परमाणु नीति निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता था। उनके साथ मारे गए अन्य वैज्ञानिक और अधिकारी भी सीधे तौर पर ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम और मिसाइल विकास परियोजनाओं से जुड़े हुए थे। इस कारण से ईरान पर हमला न केवल एक सैन्य कार्रवाई माना जा रहा है, बल्कि इससे देश की रणनीतिक क्षमता को भी गंभीर झटका लगने की आशंका है।

विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह हमला वाकई इतनी गहराई तक सफल रहा है, तो यह ईरान की सुरक्षा व्यवस्था और भविष्य की परमाणु योजनाओं के लिए एक अस्थायी विराम की तरह हो सकता है। हालांकि, इसके बाद ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की संभावना भी उतनी ही अधिक हो गई है।

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इजराइल ने शुरू की व्यापक स्ट्राइक, अमेरिका ने झाड़ा पल्ला
इजरायली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गुरुवार को ईरान पर हमला करते हुए इजरायली वायुसेना ने दर्जनों स्थानों पर स्ट्राइक की। इन हमलों के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने देशभर में ‘स्पेशल स्टेट ऑफ इमरजेंसी’ लागू कर दी है। वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि इजरायल के ऐक्शन में अमेरिका शामिल नहीं है। साथ ही उन्होंने तेहरान से अपील की है कि क्षेत्र में अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना ना बनाया जाए।

उन्होंने कहा, ‘आज इजरायल ने ईरान के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई की है। हम ईरान के खिलाफ हुई स्ट्राइक्स में शामिल नहीं हैं और हमारी प्राथमिकता क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी बलों की सुरक्षा करना है।’ उन्होंने कहा, ‘यह साफतौर पर बता देना चाहता हूं कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।’

इजराइल द्वारा किए गए ईरान पर हमला के बाद का दृश्य
इजराइल द्वारा किए गए ईरान पर हमला के बाद का दृश्य

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ट्रंप ने जताई थी आशंका, तेहरान ने रोकी उड़ानें
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ घंटे पहले ही यह आशंका जताई थी कि इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि ईरान बातचीत को तैयार नहीं होता है, तो यह पश्चिम एशिया में बड़े स्तर पर संघर्ष का कारण बन सकता है।

उधर, ईरान ने तेहरान से उड़ान भरने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इजरायल ने भी सुरक्षा कारणों से अपना हवाई क्षेत्र अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।

छह सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। ईरान की सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है कि इजराइली हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत हो गई है। हुसैन सलामी ईरान की सेना में सबसे अहम पद पर थे। उनकी लीडरशिप में IRGC ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को संभालता था।

इनकी मौत होने की संभावना
अल-जजीरा के मुताबिक हमले में ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी मारे गए हैं। इजराइल ने यह दावा किया है कि हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद बाघेरी, सेना के अन्य बड़े अधिकारी और कुछ वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।

ईरान पर हमलाः क्या यह क्षेत्रीय युद्ध की शुरुआत है?
ईरान पर हमला अब वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। इस हमले से केवल ईरान-इजरायल ही नहीं, बल्कि पूरा मध्य-पूर्व अस्थिर हो सकता है। तेल की कीमतों पर असर, डिप्लोमैटिक समीकरणों का उलझाव और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा जैसे मुद्दे सामने आ सकते हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ईरान इसे युद्ध की घोषणा मानेगा? क्या जवाबी हमला होगा? और क्या यह संघर्ष पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक देगा?

ईरान पर हमला को लेकर नेतन्याहू का बड़ा बयान
ईरान पर हमला को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने अभी थोड़ी देर पहले एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम के मुख्य केंद्र नातांज़ पर किया गया है। ईरानी राजधानी तेहरान से करीब 225 किलोमीटर दूर स्थित यह केंद्र, यूरेनियम संवर्धन का प्रमुख ठिकाना माना जाता है। नेतन्याहू ने साफ किया है कि यह एक टारगेटेड ऑपरेशन था, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘ईरान पर हमला’ उस खतरे को खत्म करने के लिए है, जो इसराइल के अस्तित्व को सीधे तौर पर चुनौती देता है।

ईरान पर हमला को लेकर नेतन्याहू का बड़ा बयान
ईरान पर हमला को लेकर नेतन्याहू का बड़ा बयान

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नातांज़ में वैज्ञानिकों को बनाया निशाना
नेतन्याहू के अनुसार, इस अभियान के तहत उन वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया है, जो ’ईरानी बम’ पर काम कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला एक दिन का नहीं है, यह तब तक जारी रहेगा, जब तक जरूरी समझा जाएगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि ईरान पर हमला इसलिए जरूरी था, क्योंकि हाल के महीनों में ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं, जो पहले कभी नहीं उठाए थे।

ईरान अब संवर्धित यूरेनियम से हथियार निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी संदर्भ में नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि यदि ईरान को रोका नहीं गया, तो वह कुछ महीनों या एक साल से भी कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है।

राष्ट्रपति ट्रंप को जताया धन्यवाद
ईरान पर हमला संबंधी अपने संदेश में नेतन्याहू ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को विशेष धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने स्पष्ट नेतृत्व दिखाया और यह समझाया कि ईरान को किसी भी स्थिति में परमाणु संवर्धन कार्यक्रम नहीं चलाने देना चाहिए। बता दें कि ईरान के नातांज़ स्थित इस परमाणु केंद्र को पहले भी अप्रैल 2021 में साइबर हमले का निशाना बनाया गया था, जिसके लिए ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था।

अब दुनिया की निगाहें तेहरान पर
ईरान पर हमला केवल एक देश की सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि इसके परिणाम पूरी दुनिया पर पड़ सकते हैं। इस हमले के बाद तेल की कीमतों में अस्थिरता, डिप्लोमैटिक तनाव और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव की आशंका गहराती जा रही है। अब यह देखना अहम होगा कि क्या ईरान इस कार्रवाई को युद्ध की घोषणा मानेगा? क्या वह जवाबी हमला करेगा? और क्या यह तनावपूर्ण स्थिति युद्ध में बदल जाएगी?

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