Saturday, July 19, 2025
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Gujrat Plane Crash: 5 मिनट में फ्लाईट तबाह, ब्लैक बॉक्स बनेगा जांच की कुंजी

अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की Gujrat Plane Crash क्रैश, ब्लैक बॉक्स बनेगा जांच की कुंजी

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। Gujrat Plane Crash के दर्दनाक हादसे ने देश को झकझोर दिया। अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद शहर के मेघानी नगर इलाके में क्रैश हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे। टेकऑफ के तुरंत बाद विमान में आग लग गई। हादसे में 240 यात्रियों की मौत हो गई।

आपातकालीन राहत कार्य में जुटा प्रशासन, ब्लैक बॉक्स की तलाश शुरू

Gujrat Plane Crash के फौरन बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस भीषण दुर्घटना के पीछे की असल वजहों का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स की तलाश तेज कर दी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यही उपकरण जांच की कड़ी को जोड़ने का काम करेगा।

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ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह कैसे करता है काम?

ब्लैक बॉक्स दरअसल दो महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग डिवाइस का कॉम्बिनेशन होता है:

  1. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): विमान की ऊंचाई, रफ्तार, इंजन की स्थिति और उड़ान से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियां इसमें रिकॉर्ड होती हैं।
  2. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): पायलट और को-पायलट के बीच हुई बातचीत, चेतावनियों की आवाज़ें और अन्य जरूरी ऑडियो क्लू इसमें सेव होते हैं।

CVR 5 तरह से काम करता है…

  • माइक्रोफोन: CVR कॉकपिट में लगे कई माइक्रोफोन्स से आवाजें कैप्चर करता है। ये माइक्रोफोन आमतौर पर कॉकपिट की छत, पायलटों के हेडसेट और अन्य जगहों पर लगे होते हैं।
  • रिकॉर्डिंग सिस्टम: CVR में एक मेमोरी यूनिट होती है जो डिजिटली ऑडियो डेटा स्टोर करती है। पुराने CVR में टेप का इस्तेमाल होता था, लेकिन अब आधुनिक CVR पूरी तरह डिजिटल हैं।
  • लूप रिकॉर्डिंग: CVR लगातार रिकॉर्ड करता है, लेकिन यह एक ‘लूप’ सिस्टम पर काम करता है। यानी यह सिर्फ आखिरी 2 घंटे की रिकॉर्डिंग रखता है। पुरानी रिकॉर्डिंग अपने आप मिट जाती है और नई रिकॉर्डिंग उसकी जगह ले लेती है।
  • पावर सप्लाई: CVR को विमान की बिजली से पावर मिलती है, लेकिन इसमें बैकअप बैटरी भी होती है जो क्रैश के बाद भी कुछ समय तक काम करती है।

ब्लैक बॉक्स यह जानकारी देता है कि टेकऑफ के बाद विमान के सिस्टम में क्या चल रहा था, क्या कोई तकनीकी खराबी हुई, और पायलटों की प्रतिक्रिया क्या थी। अगर ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से कोई संवाद टूटा हो, तो वह भी इसके जरिए सामने आ सकता है।

Gujrat Plane Crash
Gujrat Plane Crash: कैसे काम करेगा ब्लैक बॉक्स

1100°C तापमान और समुद्र की गहराई को झेलने वाला उपकरण

ब्लैक बॉक्स को विमान के सबसे सुरक्षित हिस्से में फिट किया जाता है। यह भीषण आग और अत्यधिक दबाव झेलने की क्षमता रखता है। इसमें एक अंडरवॉटर बीकन होता है जो हादसे के बाद सिग्नल भेजता है ताकि इसे खोजा जा सके। DGCA की तकनीकी टीम जल्द से जल्द इसे रिकवर कर विशेष प्रयोगशाला में डिकोडिंग के लिए भेजेगी।

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जांच एजेंसियों की नजर ब्लैक बॉक्स पर, सच्चाई के खुलासे की उम्मीद

Gujrat Plane Crash के जांच अधिकारियों का मानना है कि यह उपकरण अहमदाबाद की इस भयावह दुर्घटना की गुत्थी सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग यह बताएगी कि कैसे एक आधुनिक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो विश्व की सबसे सुरक्षित उड़ानों में से एक माना जाता है, महज 5 मिनट के भीतर हादसे का शिकार हो गया।

Gujrat Plane Crash न सिर्फ विमानन क्षेत्र के लिए, बल्कि यात्रियों और उनके परिजनों के लिए एक बड़ा झटका है। अब सबकी निगाहें DGCA और ब्लैक बॉक्स की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं — ताकि यह जाना जा सके कि इस उड़ान में आखिर ऐसा क्या हुआ, जो उसे अपनी मंज़िल से पहले ही ज़मीन पर गिरा लाया।

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