Thursday, July 10, 2025
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कोविड-19 का नया वेरिएंट मिला, बुजुर्ग संक्रमित

जबलपुर में कोविड-19 की खौफनाक वापसी, स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर

राज्य डेस्क

जबलपुर (मप्र)। कोविड-19 वेरिएंट की एक बार फिर खौफनाक वापसी हुई है। मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल के बाद अब जबलपुर में भी इसका असर दिखने लगा है। जिले में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग में कोविड-19 के नए वेरिएंट की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मरीज को नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां विशेषज्ञों की निगरानी में उनका उपचार चल रहा है।

बुजुर्ग की हालत स्थिर बताई गई है, लेकिन प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतते हुए उन्हें आइसोलेट कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और उनके परिजनों की जांच शुरू कर दी है ताकि संक्रमण के किसी भी संभावित प्रसार को रोका जा सके। यह स्थिति तब सामने आई है जब प्रदेश के अन्य बड़े शहरोंकृइंदौर और भोपाल में पहले ही कोविड-19 वेरिएंट के मरीज सामने आ चुके हैं।

सतर्कता की चेतावनी, संक्रमण रोकने की कोशिशें तेज
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने लोगों से अपील की है कि वे कोविड-19 वेरिएंट के बढ़ते खतरे को हल्के में न लें और सभी जरूरी सावधानियों का पालन करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले भर में स्क्रीनिंग अभियान तेज कर दिए गए हैं और लक्षण दिखने पर तत्काल जांच कराने की सलाह दी जा रही है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का अनिवार्य उपयोग, सामाजिक दूरी बनाए रखना और स्वच्छता बनाए रखना जरूरी बताया गया है।

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24 घंटे में सामने आए 9 नए मरीज
प्रदेश में कोविड के मामलों में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 55 से ज्यादा हो चुकी है और बीते 24 घंटे में वहां 9 नए मरीज मिले हैं। भोपाल और जबलपुर भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि यदि तत्काल सतर्कता नहीं बरती गई तो स्थिति बिगड़ सकती है।

अस्पतालों में बेड और संसाधन बढ़ाए गए
कोविड-19 वेरिएंट के खतरे को देखते हुए जबलपुर प्रशासन ने तैयारी को तेज किया है। मेडिकल कॉलेज के नए भवन में 500 अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। पल्मोनरी मेडिसिन एक्सीलेंस स्कूल अस्पताल में 180 बेड की व्यवस्था की गई है। निजी अस्पतालों में भी करीब 250 बेड रिजर्व रखे गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले अनुभवों से सीखा गया है और अब संसाधनों का तेजी से विस्तार हो रहा है।

लगभग 180 करोड़ रुपये की लागत से जिले के प्रमुख अस्पतालों में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और एचडीयू वार्ड तैयार किए गए हैं। सुपर स्पेशलिटी और पल्मोनरी अस्पतालों को नई तकनीक से लैस किया गया है ताकि कोविड-19 वेरिएंट जैसे किसी भी स्वास्थ्य संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

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ऑक्सीजन आपूर्ति में आत्मनिर्भरता से राहत
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जबलपुर ने जिस तरह ऑक्सीजन संकट का सामना किया, वह अनुभव अब काम आ रहा है। शहर के बड़े अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन टैंक और पीएसए प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इससे ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है और गंभीर मरीजों को त्वरित राहत मिल रही है। प्रशासन का दावा है कि अब किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को रिफर करने की आवश्यकता न्यूनतम रह जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग सतर्क
कोविड-19 वेरिएंट की चुनौती को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जितना सतर्क है, उतनी ही जिम्मेदारी आम लोगों की भी है। प्रशासन ने बार-बार दोहराया है कि पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए ही इस बार संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। यदि लोग स्वयं जिम्मेदारी से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, तो हालात को बिगड़ने से रोका जा सकता है।

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