न्यूकैसल क्राउन कोर्ट ने छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन की घटना को दिया घृणित और स्वार्थी करार
इंटरनेशनल डेस्क
लंदन। ब्रिटेन की नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 18 वर्षीय भारतीय छात्र उद्कर्ष यादव ने एक छात्रा के कमरे में घुसकर हस्तमैथुन करने की शर्मनाक हरकत की, जिसे न्यूकैसल क्राउन कोर्ट ने घृणित और स्वार्थी करार दिया। यह घटना तब सामने आई जब पीड़िता क्रिसमस की छुट्टियों के बाद अपने हॉस्टल के कमरे में लौटी और उसे अपने सामान पर संदिग्ध पदार्थ मिला। इस घटना ने न केवल यूनिवर्सिटी प्रशासन को हिलाकर रख दिया, बल्कि छात्रावासों में सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
क्या है पूरा मामला?
छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन की घटना गेट्सहेड के ट्रिनिटी स्क्वायर हॉस्टल में हुई, जहां उद्कर्ष यादव ने एक प्रथम वर्ष की महिला छात्र के कमरे में बिना अनुमति प्रवेश किया। उस समय छात्रा क्रिसमस की छुट्टियों के लिए अपने परिवार के पास गई थी। जनवरी की शुरुआत में जब वह अपने कमरे में लौटी, तो उसे अपने बिस्तर के कवर, तीन जेलीकैट टेडी बेयर और कुछ किताबों पर सफेद रंग का क्रस्टेड पदार्थ मिला।
किताबें फर्श पर बिखरी हुई थीं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता था कि कोई उसके कमरे में घुसा था। हैरान और परेशान छात्रा ने तुरंत यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसकी सूचना दी, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई। इस घटना ने छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन जैसे घृणित कृत्य को उजागर किया, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया।
यह भी पढें: 2 थानाध्यक्ष लाइन हाजिर, 4 इंस्पेक्टरों का तबादला
की-कार्ड सिस्टम की खामी बनी कारण
जांच के दौरान हॉस्टल के की-कार्ड एंट्री सिस्टम के डेटा से पता चला कि उद्कर्ष यादव ही वह व्यक्ति था, जिसने छात्रा के कमरे में प्रवेश किया था। न्यूकैसल क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील जेनिफर कॉक्सन ने बताया कि उद्कर्ष को यूनिवर्सिटी के जिम कार्ड में तकनीकी खामी की जानकारी थी, जिसके कारण वह किसी भी कमरे में प्रवेश कर सकता था।
उसने इस खामी का फायदा उठाकर छात्रा के कमरे में घुसकर हस्तमैथुन किया। उद्कर्ष ने कोर्ट में स्वीकार किया कि वह इच्छा से बहक गया और उसने जानबूझकर उस कमरे को निशाना बनाया। इस खुलासे ने यूनिवर्सिटी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए, क्योंकि ऐसी खामियां छात्रों की निजता को खतरे में डाल सकती हैं।
डीएनए ने खोला राज
जांच में डीएनए सैंपल की भूमिका निर्णायक साबित हुई। जब छात्रा के बिस्तर और टेडी बेयर पर मिले पदार्थ की जांच की गई, तो यह पुष्टि हुई कि वह उद्कर्ष यादव का ही था। शुरू में उद्कर्ष ने पुलिस पूछताछ में कुछ भी स्वीकार करने से इनकार किया, लेकिन जब डीएनए साक्ष्य सामने रखे गए, तो उसने अपराध कबूल कर लिया। इस घटना ने न केवल उद्कर्ष की मंशा को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि तकनीकी खामियों का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है। छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन जैसे कृत्य ने यूनिवर्सिटी के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।
यह भी पढें: Gonda News: पिता पुत्र ने लगाई नदी में छलांग, बेटे की मौत
कोर्ट का कड़ा रुख
न्यूकैसल क्राउन कोर्ट ने उद्कर्ष यादव को 14 महीने की जेल की सजा सुनाई, लेकिन इसे दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही उसे 200 घंटे का अनपेड वर्क करने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने उद्कर्ष को पीड़िता को 117 पाउंड (लगभग 12,000 रुपये) का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जो तीन जेलीकैट सॉफ्ट टॉयज और बेड कवर की कीमत के बराबर था। कोर्ट के इस फैसले ने स्पष्ट किया कि इस तरह के घृणित कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भले ही दोषी पहली बार अपराधी हो।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। की-कार्ड सिस्टम में तकनीकी खामी का पता होना और उसका समय पर सुधार न करना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन जैसी घटना ने अन्य छात्रों में भी असुरक्षा की भावना पैदा की है। यूनिवर्सिटी ने इस घटना के बाद अपने सुरक्षा उपायों को और सख्त करने का वादा किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सामाजिक और नैतिक बहस
उद्कर्ष यादव के इस कृत्य ने न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और नैतिक बहस को भी जन्म दिया है। विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की छवि पर इस घटना का क्या असर पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल है। साथ ही, यह घटना निजता के उल्लंघन और नैतिक मूल्यों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण है। छात्रा के कमरे में हस्तमैथुन जैसे कृत्य ने समाज में नैतिकता और जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
यह भी पढें: तेज गेंदबाज हर्षित राणा के बाहर होने पर उठे कई सवाल