लीड्स में करारी पराजय के बाद टीम इंडिया का बड़ा फैसला
हर्षित राणा को भारतीय टीम से अचानक किया गया रिलीज
खेल डेस्क
लीड्स (इंग्लैंड)। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच की हार के बाद टीम इंडिया में एक बड़ा और अप्रत्याशित फैसला लिया गया है। इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के साथ कवर गेंदबाज के रूप में शामिल किए गए हर्षित राणा को टीम प्रबंधन ने बुधवार को अचानक रिलीज कर दिया। इस निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों और विश्लेषकों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली के 23 वर्षीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा को कोच गौतम गंभीर का करीबी शिष्य माना जाता है। राणा की पहचान उनकी आक्रामक गेंदबाजी और ऑफ-कटर गेंदों की वजह से है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ टेस्ट में ट्रेविस हेड को शानदार अंदाज़ में आउट कर खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
इंग्लैंड लायंस के खिलाफ रहा बेहद निराशाजनक प्रदर्शन
भारतीय टीम में जगह पाने से पहले हर्षित राणा ने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अनौपचारिक टेस्ट खेला था। हालांकि वहां उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने 27 ओवर में 99 रन देकर केवल एक विकेट लिया। टीम प्रबंधन ने इसी आधार पर उन्हें दूसरे टेस्ट से पहले ही टीम से बाहर कर दिया। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि, हर्षित राणा को टीम से रिलीज कर दिया गया है और वह बर्मिंघम में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए टीम के साथ नहीं होंगे।
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क्या गंभीर की सिफारिश पर मिला था मौका?
इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंदबाज़ी करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। वहीं क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि मुकेश कुमार और अंशुल कंबोज जैसे अनुभवी गेंदबाजों को नजरअंदाज कर हर्षित राणा को प्राथमिकता देना टीम चयन में असंतुलन को दर्शाता है।
चयन को लेकर यह चर्चा और तेज तब हुई जब गौतम गंभीर ने पहले टेस्ट के बाद कहा, “हर्षित राणा को लेकर कुछ छोटी परेशानियां थीं। अब वे ठीक हैं। मैं चयन समिति से बात करूंगा और फिर निर्णय लेंगे।” इससे यह संकेत भी मिला कि राणा का चयन संभवतः सिफारिश पर आधारित रहा।
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भारतीय टीम की हार और राणा की विदाई! क्या सिर्फ संयोग?
भारत को पहले टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा और ठीक उसके बाद ही हर्षित राणा को टीम से हटाने का निर्णय आया। यह एक नकारात्मक संकेत है जो टीम के प्रदर्शन और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। क्या यह हार की प्रतिक्रिया थी या पहले से तय निर्णय दृ इस पर बीसीसीआई ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सुधार की आवश्यकता, लेकिन भविष्य में है संभावनाएं
हर्षित राणा को भविष्य में भारतीय टीम का एक प्रभावी गेंदबाज माना जाता है, लेकिन फिलहाल लाल गेंद से उनकी गेंदबाज़ी में निरंतरता की कमी देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू क्रिकेट में उन्हें अभी और मेहनत करने की आवश्यकता है ताकि वे खुद को शीर्ष स्तर पर साबित कर सकें।
टीम इंडिया में ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जब किसी खिलाड़ी को एक या दो मौकों के बाद ही बाहर कर दिया गया, लेकिन राणा के मामले में चयन और फिर रिलीज की प्रक्रिया सवालों के घेरे में है।
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