बलूचिस्तान, सिंध, और पीओके का भारत में होगा विलय, समय सीमा नहीं बता सकता-इन्द्रेश कुमार
कच्छ और लद्दाख से हटकर पाकिस्तान में 150 किलोमीटर अंदर जा सकता है India-Pak Border
नेशनल डेस्क
शिमला, 15 जून 2025: India-Pak Border को लेकर RSS नेता इंद्रेश कुमार ने सनसनीखेज बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान की सीमा भविष्य में बदल सकती है। शिमला में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने चीन की भारत विरोधी नीतियों को गंभीर खतरा बताया। कुमार ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर ने चीन-पाक गठजोड़ को झटका दिया है। उन्होंने बलूचिस्तान, सिंध, और पीओके के भारत में विलय की संभावना जताई।
India-Pak Border बदलने की भविष्यवाणी
इंद्रेश कुमार ने कहा कि India-Pak Border कच्छ और लद्दाख से हटकर पाकिस्तान में 100-150 किलोमीटर अंदर जा सकती है। उन्होंने दावा किया कि बलूचिस्तान, सिंध, पख्तूनिस्तान, और गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं। ये क्षेत्र भारत में विलय के लिए संघर्ष कर सकते हैं। Kumar ने कहा कि यह सरकार, जनता, और भारतीय सेना की इच्छा है।
चीन की सांस्कृतिक साजिश, तिब्बत से भारत तक खतरा
India-Pak Border Shift के साथ-साथ इंद्रेश कुमार ने चीन की सांस्कृतिक साजिशों पर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि चीन तिब्बत में बौद्ध संस्कृति को नष्ट कर रहा है। अब यही रणनीति भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में लागू हो रही है। Kumar ने अरुणाचल और सिक्किम में चीन की गतिविधियों को संप्रभुता के लिए खतरा बताया। उन्होंने स्थानीय लोगों से सांस्कृतिक पहचान बचाने की अपील की।
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ऑपरेशन सिंदूर का झटका, चीन-पाक गठजोड़ कमजोर
India-Pak Border Shift की चर्चा में Kumar ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में नौ पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने और चार आतंकी अड्डे नष्ट हुए। करीब 100 आतंकवादी मारे गए। Kumar ने दावा किया कि ये ठिकाने चीन के नियंत्रण में थे। ऑपरेशन ने चीन को स्तब्ध कर दिया। India-Pakistan Border Shift की संभावना से चीन और पाकिस्तान घबराए हुए हैं।
बलूचिस्तान की आजादी, भारत के साथ एकता की चाह
India-Pak Border Shift के संदर्भ में Kumar ने कहा कि बलूचिस्तान पूरी आजादी चाहता है। सिंध भारत के साथ एकता की मांग कर रहा है। पीओके भारत में विलय चाहता है। पख्तूनिस्तान की स्थिति अस्पष्ट है। Kumar ने कहा कि पाकिस्तान का पंजाबी हिस्सा भी मौजूदा सत्ता को खारिज करता है। यह बदलाव India-Pakistan Border Shift को हकीकत बना सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों का सैन्य उपयोग कर रहा है चीन
India-Pak Border Shift के अलावा Kumar ने चीन को सामरिक खतरा बताया। उन्होंने सतलुज नदी में हाल की बाढ़ को चीन की सैन्य गतिविधियों से जोड़ा। Kumar ने कहा कि चीन प्राकृतिक संसाधनों का सैन्य उपयोग कर रहा है। उन्होंने 1959 में तिब्बत और 1962 में कैलाश मानसरोवर पर कब्जे को भारत की कमजोरी का नतीजा बताया।
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छद्म युद्ध की आशंका
India-Pak Border Shift की चर्चा में Kumar ने चीन के छद्म युद्ध पर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के जरिए भारत के खिलाफ साजिश हो रही है। पहलगाम आतंकी हमले और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों में चीन की अप्रत्यक्ष भूमिका हो सकती है। Kumar ने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाइयों ने इस गठजोड़ को कमजोर किया है।
सांस्कृतिक जागरूकता के लिए हिमाचल में अपील
India-Pak Border Shift के साथ Kumar ने हिमाचल के लाहौल-स्पीति और किन्नौर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। Kumar ने स्थानीय लोगों से धर्मांतरण से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने पर जोर दिया। India-Pakistan Border Shift के लिए जागरूकता जरूरी है।
इंद्रेश कुमार के बयान से छिड़ी नई बहस
India-Pak Border Shift को लेकर इंद्रेश कुमार का बयान ने नई बहस छेड़ दी है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के आंतरिक बिखराव ने इस संभावना को बल दिया है। चीन की सांस्कृतिक और सामरिक साजिशों ने भारत के लिए चुनौतियां बढ़ाई हैं। लेकिन भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत ने दुश्मनों को सतर्क कर दिया है। यह बयान भारत के आत्मविश्वास और रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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