राष्ट्रीय छात्र पंचायत के बैनर तले युवकों ने सड़क पर रोपा धान
11 साल से उपेक्षित बाबागंज रोड की बदहाली के विरोध में गड्ढों में रोपा धान
प्रदीप पाण्डेय
गोंडा। बाबागंज रोड की बदहाल हालत को लेकर राष्ट्रीय छात्र पंचायत के कार्यकर्ताओं ने अद्वितीय विरोध दर्ज किया। सोमवार को हुई बारिश के बाद जब सड़क जलभराव में पूरी तरह डूब गई, तब छात्रों ने रमवापुर चौराहे के समीप सड़क के गड्ढों में धान रोपकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर तीखा वार किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन ने बाबागंज रोड की जमीनी हकीकत को सामने रख दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह रोड पिछले 11 वर्षों से उपेक्षा का शिकार है और पीडब्ल्यूडी समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि जनता की इस पीड़ा से पूरी तरह बेपरवाह हैं।
सड़क नहीं, खेत बन गई बाबागंज रोड
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इटियाथोक से बाबागंज तक की करीब 20 किलोमीटर लंबी रोड अब सड़क न रहकर खेत का रूप ले चुकी है। बरसात के समय यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है। रास्ते में इतने गड्ढे हैं कि कभी-कभी यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि वाहन सड़क पर चल रहा है या पानी में तैर रहा है।
शिवम पांडेय ने बताया कि बाबागंज रोड के निर्माण का टेंडर तीन बार निकाला गया, लेकिन हर बार उसे रद्द कर दिया गया। इस लापरवाही से एक लाख की आबादी प्रभावित हो रही है, जिनके लिए यह सड़क एकमात्र संपर्क मार्ग है। छात्रों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए यह रास्ता रोज की मुसीबत बन चुका है।
यह भी पढ़ें: Simmi Chaudhary Murder Case: सुनील ने क्यों दी खौफनाक मौत?
छात्र बोले-अब नौकरी छोड़ें या गांव?
मोहनपुर असधा निवासी उमंग मिश्रा ने बताया कि वह इसी रोड से कॉलेज जाते थे और अब नौकरी करते हैं। लेकिन इस बाबागंज रोड की दुर्दशा के चलते उन्हें अपनी तनख्वाह का बड़ा हिस्सा बाइक की सर्विसिंग में खर्च करना पड़ता है। उन्होंने व्यथा जताई, ‘न नौकरी बच रही है, न गांव से निकल पाना आसान है।’ इसी तरह विशाल वर्मा ने बताया कि रोज इसी बाबागंज रोड से अस्पताल और बाजार जाना पड़ता है। लेकिन सड़क की स्थिति ऐसी है कि हर बार घर से निकलते वक्त लगता है कि पता नहीं वापस सुरक्षित लौट पाएंगे या नहीं।

धान रोपकर जताया गया गुस्सा, प्रशासन पर कसा तंज
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब यह सड़क पूरी तरह खेत बन चुकी है, तो उन्होंने सोच-समझकर उसमें धान रोप दिया। साथ ही तंज कसते हुए कहा कि अगर सरकार सड़क नहीं बना सकती तो कम से कम इस ’धान की फसल’ की सुरक्षा की जिम्मेदारी ही ले ले।
सड़क की मांग को लेकर छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी की। ‘11 वर्ष भये बेकार, जल्दी रोड बनाव सरकार’, ‘जनता पर रहम करो, बाबागंज रोड निर्माण जल्द करो’, और ‘फ्री में राशन नहीं, रोड चाहिए’ जैसे नारों से गूंजते प्रदर्शन ने स्थानीय प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी गंभीर समस्या के बावजूद अभी तक न तो जनप्रतिनिधियों ने दौरा किया और न ही प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया। लगातार शिकायतें करने के बावजूद भी बाबागंज रोड की हालत जस की तस बनी हुई है। छात्र पंचायत का कहना है कि अगर मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो यह विरोध लगातार और तेज़ किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: Air India: फ्लाइट में तकनीकी खराबी से अफरा-तफरी, कोलकाता में सुरक्षित Landing