डॉ. अंबेडकर जयंती पर पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित
रचनात्मक आयोजन कर बच्चों ने धूमधाम से मनाई डॉ. अंबेडकर जयंती
संवाददाता
उतरौला, बलरामपुर। डॉ. अंबेडकर जयंती के मौके पर देशभर में आयोजन होते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद के उतरौला क्षेत्र में स्थित टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने शिक्षा और समाजिक जागरूकता को जो स्वरूप दिया, वह काबिले-तारीफ रहा। संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के पुरोधा और भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर यहां हुई निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिता ने न सिर्फ बाल प्रतिभाओं को मंच दिया, बल्कि उन्हें डॉ. अंबेडकर जयंती के महत्व से गहराई से जोड़ भी दिया।
कार्यक्रम में शामिल छात्र-छात्राओं ने डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़े संघर्षों, उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक सुधारों और भारतीय संविधान में दिए गए समता के सिद्धांतों को सजीव रूप में उकेरा। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि डॉ. अंबेडकर जयंती को सिर्फ एक रस्मी पर्व के रूप में नहीं, बल्कि जागरूकता और प्रेरणा के स्रोत के रूप में मनाना समय की मांग है।
डॉ. अंबेडकर जयंती के फोकस पर आधारित आयोजन
प्रतियोगिता में नर्सरी से लेकर सीनियर वर्ग तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता में बच्चों ने ‘डॉ. अंबेडकर का बचपन’, ‘विदेशों में शिक्षा’, ‘छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष’, ‘संविधान निर्माण की प्रक्रिया’, और ‘महिलाओं एवं दलितों के अधिकार’ जैसे गंभीर विषयों पर अपने विचार साझा किए।
पेंटिंग प्रतियोगिता में बाल चित्रकारों ने डॉ. अंबेडकर के जीवन के चित्रात्मक स्वरूपों के साथ-साथ सामाजिक समानता, शिक्षा और स्वतंत्रता जैसे विषयों को ब्रश और रंगों के माध्यम से जीवंत किया। ये चित्र बच्चों की सामाजिक चेतना को दर्शाते थे और उन्होंने साबित कर दिया कि नई पीढ़ी में भी डॉ. अंबेडकर जयंती के मूल विचार जीवित हैं।
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पावरफुल संदेशों के साथ कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने किया। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि समानता और शिक्षा के अप्रतिम योद्धा थे। उन्होंने बताया कि बाबासाहेब का जीवन इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा और साहस के बल पर समाज को बदला जा सकता है।
उत्साहजनक समापन और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के भीतर छिपी प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे बाबासाहेब के विचारों से प्रेरणा लेकर समाज में समानता, भाईचारा और न्याय की भावना को आगे बढ़ाएं तो देश के भविष्य को कोई नहीं रोक सकता।
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शिक्षकों की मौजूदगी ने बढ़ाया उत्साह
इस आयोजन में विद्यालय के शिक्षकगण भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक अनिल कुमार गुप्ता ने किया। उन्होंने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें डॉ. अंबेडकर के विचारों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया।
उपेक्षित दृष्टिकोणों को उजागर करता आयोजन
आज जब डॉ. अंबेडकर जयंती महज औपचारिकता में सिमटती जा रही है, टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल का यह कार्यक्रम एक नई मिसाल बनकर उभरा है। यह आयोजन एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा सामाजिक चेतना के क्षेत्र में किए गए प्रभावशाली हस्तक्षेप का उदाहरण है, जिसने बच्चों के मन-मस्तिष्क में डॉ. अंबेडकर जयंती के वास्तविक अर्थ को रेखांकित किया।
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