Waqf (Amendment) Act

जानें, कानून बनते ही क्या होगी वक्फ संपत्तियों की स्थिति?

देवीपाटन मंडल में वक्फ संपत्तियों की संख्या 2154

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश की 98% वक्फ संपत्तियों पर संकट मंडराने लगा है। राज्य में हजारों वक्फ संपत्तियां ऐसी हैं, जो अब तक राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं। इस संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड का इन संपत्तियों पर दावा खत्म हो जाएगा, और इन मामलों में अब जिलाधिकारी (DM) को अंतिम निर्णय लेने का अधिकार होगा। इतना ही नहीं, वक्फ बोर्ड जिन 57,792 सरकारी संपत्तियों पर दावा कर रहा था, वे भी अब उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाएंगी।
वक्फ क्या होता है?
वक्फ एक इस्लामी कानूनी व्यवस्था है, जिसमें कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति अल्लाह के नाम पर दान कर देता है, जिससे वह संपत्ति धार्मिक और समाज कल्याण कार्यों में प्रयुक्त हो सके। इस संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता, ना ही किसी अन्य उपयोग में लिया जा सकता है। भारत में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है।
भारत में वक्फ संपत्तियों की स्थिति
भारत में करीब 6 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 8 लाख एकड़ से अधिक है। ये संपत्तियां ट्रस्ट की तरह होती हैं, लेकिन विवाद तब खड़ा हुआ जब कई सरकारी और निजी संपत्तियों को भी वक्फ बोर्डों ने अपने नियंत्रण में लेने का दावा किया। उत्तर प्रदेश इस विवाद का सबसे बड़ा केंद्र रहा है, जहां वक्फ संपत्तियों को लेकर कई अनियमितताएं सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से ही वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक, कई जिलों में सरकारी जमीनें, निजी भूमि और शत्रु संपत्तियां भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गईं।

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नए कानून के बाद क्या होगा बदलाव?
✅ वक्फ संपत्तियों के मामलों की सुनवाई अब वक्फ बोर्ड की जगह जिलाधिकारी करेंगे।
✅ 1952 (फसली वर्ष 1359) के राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर ही फैसला होगा।
✅ 57,792 सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर होंगी।
✅ विवादित वक्फ संपत्तियों पर प्रशासन कब्जा लेकर कानूनी कार्रवाई कर सकेगा।
देवीपाटन मंडल में 2154 वक्फ संपत्तियां
उत्तर प्रदेश में 57,792 सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास दर्ज थीं, जिनका कुल क्षेत्रफल 11,712 एकड़ है। देवीपाटन मंडल में इन संपत्तियों की संख्या 2,154 है। अब ये सभी संपत्तियां एक झटके में वक्फ के दायरे से बाहर हो जाएंगी। प्रशासन को सिर्फ मौके पर जाकर इन संपत्तियों पर कब्जा लेना होगा।
गोंडा: 944
बहराइच: 904
बलरामपुर: 35
श्रावस्ती: 271

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शत्रु संपत्तियां भी वक्फ के नाम दर्ज
भारत में शत्रु संपत्तियां वे संपत्तियां हैं, जो 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वाले लोगों की थीं। नियमानुसार, ये संपत्तियां सरकार के अधीन होती हैं, लेकिन कई जिलों में इन्हें भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करा दिया गया। नए कानून के बाद इन्हें वापस लेना आसान होगा। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में 1,32,140 संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से केवल 2,528 संपत्तियां ही वास्तव में राजस्व रिकॉर्ड में वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं।

कानून बनते ही बोर्ड का अधिकार समाप्त

संशोधित कानून लागू होते ही इन सभी संपत्तियों की स्थिति बदल जाएगी और वक्फ बोर्ड का अधिकार समाप्त हो जाएगा। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन कितनी जल्दी इन विवादित संपत्तियों पर कार्रवाई करता है। सरकार का कहना है कि यह कानून धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए नहीं बल्कि वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन के लिए लाया गया है। नए संशोधन के तहत वक्फ बोर्ड अब किसी भी जमीन को अपने अधिकार में लेने का दावा नहीं कर पाएगा। कई विपक्षी दल इस कानून का विरोध कर रहे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया है और संसद में वक्फ विधेयक की प्रति तक फाड़ दी। विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद इसे कानून का रूप दे दिया जाएगा।

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