खत्म हुई विज्ञापन-मुक्त पहचान, एप के ‘अपडेट टैब’ में दिखेंगे विज्ञापन
बिजनेस डेस्क
कैलिफोर्निया। WhatsApp विज्ञापन को लेकर वह ऐलान हो गया है जिसकी आशंका लंबे समय से जताई जा रही थी। सोमवार को WhatsApp की मालिकाना कंपनी मेटा ने आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि अब एप के ‘अपडेट टैब’ में विज्ञापन दिखाए जाएंगे। यह कदम न केवल कंपनी के लिए रणनीतिक बदलाव है, बल्कि यूजर्स के लिए भी एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि WhatsApp अब तक बिना विज्ञापन का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म रहा है।
मेटा अब WhatsApp के अरबों यूजर्स के डेटा और व्यवहार का उपयोग कर नए राजस्व मॉडल खड़ा करना चाहती है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह विज्ञापन केवल ‘अपडेट’ सेक्शन में दिखेंगे और निजी चैट, कॉल या स्टेटस को इससे अलग रखा जाएगा।
WhatsApp विज्ञापन के ज़रिए कमाई का नया मॉडल
WhatsApp विज्ञापन के ज़रिए अब मेटा अपने सबसे बड़े यूजर बेस को सीधे कमाई से जोड़ना चाहती है। कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि व्हाट्सएप का मुख्य अनुभव जैसे चैट, कॉल या स्टेटस प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन ‘अपडेट’ टैब में अब विज्ञापन दिखाई देंगे। इस टैब को प्रतिदिन 1.5 अरब से ज्यादा लोग देखते हैं।
यह कंपनी के इतिहास में बड़ा बदलाव है, क्योंकि व्हाट्सएप के संस्थापकों जैन कूम और ब्रायन एक्टन ने 2009 में प्लेटफॉर्म को विज्ञापन-मुक्त रखने का वादा किया था। लेकिन फेसबुक द्वारा 2014 में WhatsApp को खरीदने के बाद दिशा धीरे-धीरे बदली और अब जाकर आधिकारिक रूप से WhatsApp विज्ञापन की शुरुआत हो गई।
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WhatsApp की तीन नई Paid Services शुरू
मेटा अब केवल विज्ञापन ही नहीं, बल्कि WhatsApp विज्ञापन के साथ-साथ पेड सब्सक्रिप्शन सेवाओं पर भी दांव लगा रही है। कंपनी ने तीन प्रमुख सुविधाओं की घोषणा की है:
विज्ञापन चैनलों में: कारोबारी अब अपने चैनलों का प्रचार सीधे WhatsApp के भीतर कर सकेंगे।
पेड सब्सक्रिप्शन: चैनल ऑपरेटर्स अब उपयोगकर्ताओं से मासिक शुल्क वसूल सकेंगे।
टारगेटेड विज्ञापन: उपयोगकर्ता की उम्र, स्थान, भाषा और देखे गए चैनलों के आधार पर विज्ञापन दिखाए जाएंगे।
कंपनी ने यह दोहराया कि कोई भी विज्ञापन यूजर के व्यक्तिगत मैसेज, कॉल या ग्रुप चैट में नहीं डाला जाएगा।
आलोचना भी शुरू, निजता पर चिंता गहराई
जहां मेटा WhatsApp विज्ञापन को व्यवसायिक आवश्यकता बता रही है, वहीं डिजिटल विशेषज्ञ इसे यूजर अनुभव और निजता पर हमला बता रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार जब विज्ञापन दिखना शुरू हो जाते हैं, तो कंपनियां धीरे-धीरे बाकी फीचर्स में भी इसका विस्तार करती हैं।
2014 में फेसबुक ने WhatsApp को 19 अरब डॉलर में खरीदा था और तब से अब तक कंपनी इससे सीधा राजस्व निकालने के तरीकों की तलाश में थी। 2025 में कंपनी का कुल राजस्व 164.5 अरब डॉलर रहा, जिसमें से 160.6 अरब डॉलर विज्ञापनों से आया है। अब WhatsApp विज्ञापन की शुरुआत के साथ मेटा इस आंकड़े को और ऊंचा करना चाहती है।