बुमराह कप्तानी नहीं चाहते, बोले- बोर्ड से खुद कहा था ‘मुझे लीडरशिप रोल में न देखें’
खेल डेस्क
नई दिल्ली। बुमराह कप्तानी को लेकर उठ रही तमाम अटकलों पर खुद तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने विराम लगा दिया है। इंग्लैंड दौरे से पहले उन्होंने खुलासा किया है कि उन्होंने ही बीसीसीआई और चयनकर्ताओं से निवेदन किया था कि उन्हें कप्तान न बनाया जाए। बुमराह का यह बयान क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के लिए एक चौंकाने वाली बात है, क्योंकि कई पूर्व खिलाड़ियों ने उन्हें अगला टेस्ट कप्तान बनाने की खुलकर पैरवी की थी।
31 वर्षीय बुमराह ने यह बात SKY Sports पर दिनेश कार्तिक के साथ बातचीत में कही। उन्होंने साफ किया कि उनके इस फैसले के पीछे कोई राजनीति या विवाद नहीं था, बल्कि यह पूरी तरह उनके वर्कलोड मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ निर्णय था।
वर्कलोड बना ‘बुमराह कप्तानी’ से इनकार की वजह
बुमराह कप्तानी से पीछे हटने की वजह स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि पीठ के दर्द और सर्जरी के बाद उन्हें अपने करियर को लेकर सतर्क रहना होगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिटायरमेंट से पहले ही बीसीसीआई को अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उनके शब्दों में ‘मुझे स्मार्ट बनना था, मैंने सर्जन से बात की, अपने शरीर के संकेतों को समझा और बोर्ड से कहा कि मैं नेतृत्व में नहीं आना चाहता।’
इस ईमानदार स्वीकृति ने न केवल उनके निर्णय की पारदर्शिता दिखाई है, बल्कि इस बात को भी रेखांकित किया है कि टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी अपने शरीर और करियर की लंबी उम्र को लेकर कितने जागरूक हैं।
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इंग्लैंड टेस्ट में वापसी तय, लेकिन सभी मैच नहीं खेलेंगे बुमराह
बुमराह कप्तानी से भले दूर हो गए हों, लेकिन मैदान पर उनकी वापसी तय है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए खुद को उपलब्ध बताया है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि वह पांचों टेस्ट नहीं खेल सकेंगे।
बुमराह बोले ‘मेरा लक्ष्य तीन टेस्ट खेलना है। पहले मैच के लिए फिट हूं। फिलहाल कोई सटीक संख्या तय नहीं की है। हम देखेंगे आगे क्या होता है।’ यह बयान उनके प्रशंसकों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि पिछली बार भी उनकी चोटों के चलते भारतीय गेंदबाज़ी की धार कमजोर पड़ी थी।
कप्तानी पर बुमराह की साफ सोच, लेकिन सोशल मीडिया पर उठे सवाल
जहां बुमराह ने बुमराह कप्तानी को लेकर कोई विवाद नहीं बताया, वहीं सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। कुछ का कहना है कि चयनकर्ताओं ने शायद उन्हें कप्तानी के योग्य नहीं समझा, जबकि कई लोग बुमराह के आत्म-विश्लेषण और ईमानदारी की सराहना कर रहे हैं।
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और हरभजन सिंह जैसे दिग्गजों ने पहले भी बुमराह को भविष्य का कप्तान बताया था। लेकिन अब जबकि बुमराह ने खुद नेतृत्व से पीछे हटने की बात कही है, यह स्पष्ट हो गया है कि वे अपने करियर को लंबा खींचने और प्रदर्शन पर ध्यान देने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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