Saturday, July 12, 2025
Homeव्यापारSEBI के शिकंजे में फंसे संजीव भसीन

SEBI के शिकंजे में फंसे संजीव भसीन

शेयर बाजार में धांधली के आरोप में लगा कठोर प्रतिबंध

टेलीविजन से लेकर टेलीग्राम तक फैलाया जाल, सोशल मीडिया सलाहों से खेलते थे शेयरों की कीमतों से

बिजनेस डेस्क

नयी दिल्ली। SEBI प्रतिबंध की चपेट में आए भारत के चर्चित शेयर विश्लेषक संजीव भसीन और उनके साथ जुड़े 11 अन्य लोगों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने मंगलवार को शेयर बाजार में हेराफेरी और धोखाधड़ी का दोषी मानते हुए कड़े दंड दिए हैं। सेबी के 149 पृष्ठों के अंतरिम आदेश में इन सभी को न केवल प्रतिभूति बाजार में हर तरह की गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है, बल्कि उनसे 11.37 करोड़ रुपये की अवैध आय भी वापस करने का आदेश दिया गया है।

संजीव भसीन, जो लंबे समय तक आईआईएफएल सिक्योरिटीज के निदेशक और सलाहकार रहे हैं, टीवी चैनलों पर नियमित तौर पर बतौर विशेषज्ञ शामिल होते थे। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाले भसीन अपने सुझावों के ज़रिये आम निवेशकों को प्रभावित करते थे। लेकिन SEBI प्रतिबंध के पीछे छिपी वजह बेहद चौंकाने वाली है — भसीन वही शेयर पहले खरीद लेते थे, जिन्हें बाद में मीडिया पर जाकर खरीदने की सलाह देते थे, और जब कीमत बढ़ जाती थी, तो उन्हीं शेयरों को बेचकर मुनाफा कमा लेते थे।

मीडिया की मदद से रची गई सुनियोजित रणनीति
SEBI प्रतिबंध से पहले संजीव भसीन की छवि एक भरोसेमंद विशेषज्ञ की थी। लेकिन सेबी की जांच रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि वह RRB मास्टर सिक्योरिटीज के जरिये जेमिनी पोर्टफोलियो, वीनस पोर्टफोलियो और एचबी स्टॉक होल्डिंग्स लिमिटेड के खातों में पहले से शेयर खरीद लेते थे। बाद में जब मीडिया पर वे उन शेयरों की खरीद की सिफारिश करते थे, तो कीमतें तेज़ी से बढ़ती थीं, और इसी उछाल में वे अपनी पोजीशन बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमाते थे।

चैट और ऑडियो से मिला सेबी को पक्का सबूत
सेबी ने 13 और 14 जून 2024 को दिल्ली-एनसीआर के कई स्थानों पर छापेमारी कर कई डिवाइस जब्त किए, जिनमें से व्हाट्सएप चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग में यह साफ सामने आया कि भसीन खुद ही अपनी सलाहों से विपरीत ट्रेडिंग कर रहे थे। SEBI प्रतिबंध का यह निर्णय इन्हीं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर लिया गया है।

यह भी पढ़ें: 50 साल में देश में बहुत कुछ बदला, किंतु साक्षी भत्ता कानून जस का तस!

भाई और ब्रोकरेज हाउस के निदेशक भी संलिप्त
इस पूरे घोटाले में संजीव भसीन अकेले नहीं थे। सेबी के मुताबिक, उनके चचेरे भाई ललित भसीन ने भी बार-बार ऐसे सौदे रखने में मदद की। साथ ही RRB मास्टर सिक्योरिटीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष कपूर ने आवश्यक ट्रेडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराकर इस योजना को आसान बनाया। कुछ अन्य संस्थाएं और व्यक्ति भी इस गोपनीय ट्रेडिंग योजना से जुड़े थे, जिन्होंने भसीन की रणनीति को अपने खातों में दोहराया और मुनाफा कमाया। ये सभी SEBI प्रतिबंध के दायरे में आए हैं।

गंभीर उल्लंघन: निवेशकों को गुमराह कर कमाई करोड़ों की
सेबी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि संजीव भसीन और अन्य लोगों ने पीएफयूटीपी (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) और रिसर्च एनालिस्ट नियमों का खुला उल्लंघन किया है। SEBI प्रतिबंध की इस कार्रवाई में यह पहली बार नहीं है जब किसी मीडिया विशेषज्ञ को इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

SEBI प्रतिबंध का असर पूरे बाजार पर
इस कठोर कार्रवाई से स्पष्ट संकेत गया है कि SEBI प्रतिबंध सिर्फ एक व्यक्ति विशेष पर नहीं, बल्कि पूरे बाजार को अनुशासित करने का प्रयास है। यह उन निवेशकों को भी सतर्क करता है जो केवल टेलीविजन या सोशल मीडिया सलाहों पर भरोसा कर निवेश करते हैं।

यह भी पढ़ें: UP News: निकाह से 1 दिन पूर्व दूल्हे की हत्या, खौफनाक घटना से सनसनी

RELATED ARTICLES

Most Popular