Tuesday, July 15, 2025
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शुभांशु शुक्ला ने रचा ऐतिहासिक कीर्तिमान

Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला!

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन गए हैं शुभांशु शुक्ला

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में 26 जून 2025 की तारीख एक नया अध्याय लेकर आई, जब शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक पहुंचे। Axiom-4 मिशन के तहत 28.5 घंटे की लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल गुरुवार शाम 4:01 बजे भारतीय समयानुसार आईएसएस से जुड़ा। यह मिशन न केवल भारत बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से बुधवार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से यह अंतरिक्ष यान रवाना हुआ था। भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और शुभांशु शुक्ला के परिवारजनों समेत पूरे देश ने इस ऐतिहासिक क्षण को उत्साह और गौरव के साथ देखा।

पहली बार कोई भारतीय पहुंचा ISS
1984 में राकेश शर्मा द्वारा की गई अंतरिक्ष यात्रा के बाद यह पहला अवसर है जब कोई भारतीय नागरिक मानवयुक्त यान से अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ है। लेकिन शुभांशु शुक्ला इस मायने में विशिष्ट हैं कि वह पहले भारतीय हैं जो ISS की सतह पर कदम रखने जा रहे हैं। इससे पूर्व राकेश शर्मा रूस के सोयूज यान से अंतरिक्ष में गए थे, परंतु वह आईएसएस तक नहीं पहुंचे थे।

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14 दिनों तक चलेंगे 60 प्रयोग
Axiom-4 मिशन के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्री कुल 14 दिन ISS पर बिताएंगे और इस दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे। इनमें पृथ्वी की जलवायु, मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रोबोटिक्स, और नैनो मैटीरियल्स पर शोध शामिल हैं। यह मिशन वैश्विक अनुसंधान समुदाय के लिए कई नये द्वार खोलने वाला है।

मिशन में शुभांशु की महत्वपूर्ण भूमिका
शुभांशु शुक्ला इस मिशन में ‘पायलट’ की भूमिका में हैं। वे न केवल ड्रैगन कैप्सूल को अंतरिक्ष में नेविगेट कर ISS से डॉक कराने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में यान का नियंत्रण संभालने का उत्तरदायित्व भी उन्हीं पर है। उनके साथ इस मिशन में अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिट्सन कमांडर की भूमिका में हैं।

डॉकिंग प्रक्रिया के तहत जब ड्रैगन कैप्सूल ने ISS से सॉफ्ट कैप्चर किया, तब दोनों यानों के बीच संचार और ऊर्जा ट्रांसफर की प्रणाली को सफलतापूर्वक सक्रिय किया गया। इसके बाद ‘हार्ड मेटिंग’ की प्रक्रिया द्वारा यान को ISS से पूरी तरह जोड़ दिया गया।

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भारत सरकार की ओर से बधाइयों का तांता
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुभांशु और मिशन टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बधाई हो… एक्सिओम-4 डॉकिंग सफल रही। शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के द्वार पर खड़े हैं। भीतर कदम रखने के लिए तैयार, 14 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा शुरू होने वाली है… और पूरा विश्व उत्साह और अपेक्षा के साथ देख रहा है।’’

भावनात्मक जुड़ाव के साथ राष्ट्रीय गर्व
यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा के रूप में भी देखा जा रहा है। भारत के करोड़ों नागरिकों के लिए शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान उम्मीद, प्रेरणा और विज्ञान में विश्वास का प्रतीक है। युवाओं के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर रुचि और आकांक्षा को यह ऐतिहासिक यात्रा और भी प्रोत्साहित करेगी।

अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की नई छलांग
Axiom Space द्वारा संचालित यह मिशन अमेरिका और अन्य देशों के साथ भारत के सहयोग की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। जहां NASA, ESA और ROSCOSMOS जैसी अंतरिक्ष एजेंसियां पहले से सक्रिय हैं, वहीं अब भारत ने भी अपने अंतरिक्ष यात्रियों को वैश्विक प्लेटफॉर्म पर भेजकर साबित कर दिया है कि वह इस प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं।

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