Saturday, July 19, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय अफसर के बयान पर बवाल!

विपक्ष ने लगाया सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य ठिकानों को निशाना न बांये जाने का था निर्देश

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली/जकार्ता। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास में तैनात डिफेंस अटैची कैप्टन शिव कुमार के बयान ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। उन्होंने जकार्ता की यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में भारतीय वायुसेना को पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला करने की अनुमति नहीं थी। केवल आतंकी ढांचों को ही निशाना बनाने के निर्देश थे। इसी वजह से भारत ने अपने कुछ विमान खो दिए।

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कैप्टन शिव कुमार ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की ओर से स्पष्ट आदेश थे कि पाक के सैन्य प्रतिष्ठानों और एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला नहीं किया जाएगा। इसी कारण शुरुआती हमलों में भारत को नुकसान झेलना पड़ा और कुछ लड़ाकू विमान गिराए गए।

कैप्टन कुमार के मुताबिक नुकसान के बाद भारत ने अपनी रणनीति बदली और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को सीधे निशाना बनाया। सबसे पहले दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त किया गया, फिर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और ब्रह्मोस जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल कर दुश्मन को करारा जवाब दिया गया।

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ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय अफसर के बयान पर बवाल!
भारतीय दूतावास द्वारा अफसर के बयान को लेकर जारी स्पष्टीकरण

इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर डिफेंस अटैची के बयान को संदर्भ से अलग कर पेश किया गया है। उनका मकसद भारत की सैन्य रणनीति को मजबूती से रखना था, ना कि उसे विवादित बनाना।

बयान में साफ कहा गया कि भारतीय सेना हमेशा राजनीतिक नेतृत्व के अधीन कार्य करती है और पड़ोसी देशों से अलग हमारी नीति उकसावे वाली नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद आतंक के ढांचों को तबाह करना था, ना कि सैन्य प्रतिष्ठानों को।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश को गुमराह किया जा रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पहले CDS ने सिंगापुर में विमान गिरने की बात स्वीकारी और अब इंडोनेशिया में एक वरिष्ठ अधिकारी ने नया खुलासा कर दिया। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री विपक्ष को भरोसे में क्यों नहीं ले रहे और संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया।

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ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय अफसर के बयान पर बवाल!
इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास में तैनात कैप्टन शिवकुमार

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में एयर स्ट्राइक की थी। सिर्फ 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 7 शहरों में 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए गए। पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के जवाब में दावा किया था कि उसने भारत के 5 लड़ाकू विमान गिरा दिए, जिसमें 3 राफेल शामिल थे। हालांकि CDS जनरल अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में कहा था कि पाकिस्तान का 6 भारतीय विमान गिराने का दावा गलत है, पर यह जरूर माना कि भारत ने कुछ विमान गंवाए।

CDS चौहान ने कहा था कि मुद्दा यह नहीं कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि हमने उनसे क्या सीखा और कैसे रणनीति सुधारी। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नौबत नहीं आई, यह राहत की बात है। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में नया राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। जहां सरकार इसे आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे असफल नीति और पारदर्शिता की कमी बता रहा है।

फिलहाल, इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास की सफाई के बावजूद यह साफ हो गया है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अभी कई सवाल बाकी हैं। पाकिस्तान के दावे, भारतीय अफसरों की स्वीकारोक्ति और विपक्ष के हमलों के बीच सरकार को जल्द ही स्थिति स्पष्ट करनी पड़ सकती है।

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय अफसर के बयान पर बवाल!

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