निशिकांत दुबे का सुप्रीम कोर्ट पर बयान

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का SC पर तीखा हमला

कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद की क्या जरूरत-निशिकांत दुबे

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर कांग्रेस ने किया तीखा पलटवार

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा, तो संसद को बंद कर देना चाहिए। यह बयान ऐसे समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति को विधेयकों पर समयबद्ध निर्णय लेने की बात कही है। कोर्ट के निर्देश के बाद संसद और न्यायपालिका के बीच संतुलन पर गहन बहस छिड़ गई है।

निशिकांत दुबे का बयान और सोशल मीडिया पर हंगामा
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा तो फिर संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। यह टिप्पणी सीधे-सीधे न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल खड़ा करती है। उनका यह बयान वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चल रही सुनवाई और कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को विधेयकों पर जल्द निर्णय लेने के निर्देश के बाद आया है।

यह भी पढें: रेप को लेकर हाईकोर्ट का अप्रत्याशित फैसला

निशिकांत दुबे पर कांग्रेस का तीखा पलटवार
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने निशिकांत दुबे के बयान को अपमानजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट जैसे सर्वोच्च संस्थान पर सीधा हमला है। टैगोर का आरोप है कि भाजपा नेता संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट इस पर स्वतः संज्ञान ले, क्योंकि बयान संसद के बाहर सार्वजनिक रूप से दिया गया है।

उपराष्ट्रपति की भी गहरी चिंता
इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि देश में ऐसा लोकतंत्र नहीं होना चाहिए जहां न्यायपालिका कानून बनाए और कार्यपालिका की भूमिका निभाए। उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि यह पहली बार है जब राष्ट्रपति को किसी विशेष समयसीमा में निर्णय लेने के लिए बाध्य किया गया है, जो संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।निशिकांत दुबे का बयान उन्हीं के बयान का समर्थन करता है।

Credit : The Analyzer

यह भी पढें: Dilip Ghosh ने सहयोगी Rinku Mazumdar से रचाई शादी

निशिकांत दुब का बयान क्यों है संवैधानिक बहस का केंद्र?
निशिकांत दुबे का यह बयान महज एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि यह एक गहरी संवैधानिक बहस को जन्म देता है। भारत में लोकतंत्र तीन स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर टिका है। जब इनमें से कोई एक स्तंभ अपनी सीमाएं लांघता है, तो पूरी व्यवस्था असंतुलन का शिकार हो सकती है।

न्यायपालिका की सीमाएं और जिम्मेदारियां
निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर विधि विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान की व्याख्या कर सकता है, लेकिन विधायिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान पीठ ही इस कार्य में सक्षम है। निशिकांत दुबे की टिप्पणी इसी संवैधानिक असंतुलन के खतरे को उजागर करती है, जिसे नकारा नहीं जा सकता।

यह भी पढें: ऑनर किलिंग पर सुप्रीम कोर्ट का Power-Packed फैसला

निशिकांत दुबे का बयान या लोकतंत्र की हकीकत?
निशिकांत दुबे के विवादित बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश में तीनों संवैधानिक स्तंभों के बीच संतुलन बना हुआ है? या फिर यह लोकतंत्र में शक्ति संतुलन की एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है? यह स्पष्ट है कि अब संसद और न्यायपालिका दोनों को अपनी-अपनी सीमाओं की पुनर्परिभाषा करनी होगी, ताकि लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो सकें।

हमारे वाट्सऐप चैनल को फालो करें : https://whatsapp.com/channel/0029Va6DQ9f9WtC8VXkoHh3h

आवश्यकता है संवाद सूत्रों की www.hindustandailynews.com को गोंडा के सभी न्याय पंचायतों, विकास खण्डों व समाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर ऐसे युवा व उत्साही संवाद सूत्रों की आवश्यकता है, जो स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हैं। सामाजिक रूप से जागरूक हों। अपने आसपास घटित होने वाली घटनाओं से भिज्ञ रहते हों। मोबाइल पर बोलकर अथवा लिखकर हिंदी टाइपिंग कर लेते हों तथा वीडियो बना लेते हों। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 18 मण्डल और जनपद मुख्यालयों पर भी हमें संवाददाता की आवश्यकता है। इच्छुक युवक युवतियां अपना बायोडाटा निम्न पते पर भेजें : hindustandailynews1@gmail.com जानकी शरण द्विवेदी प्रधान सम्पादक मोबाइल – 9452137310

यह भी पढें: बिजली निजीकरण विरोध में जन जागरण अभियान शुरू

कलमकारों से: पोर्टल पर प्रकाशन के इच्छुक कविता, कहानियां, महिला जगत, युवा कोना, सम सामयिक विषयों, राजनीति, धर्म-कर्म, साहित्य एवं संस्कृति, मनोरंजन, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक इत्यादि विषयों पर लेखन करने वाले महानुभाव अपनी मौलिक रचनाएं एक पासपोर्ट आकार के छाया चित्र के साथ मंगल फाण्ट में टाइप करके हमें प्रकाशनार्थ प्रेषित कर सकते हैं। हम उन्हें स्थान देने का पूरा प्रयास करेंगे : जानकी शरण द्विवेदी, प्रधान संपादक मोबाइल- 9452137310 E-Mail : hindustandailynews1@gmail.com

error: Content is protected !!