जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज में आयोजित किया गया मुख्य आयोजन
प्रभारी मंत्री व नोडल अधिकारी समेत अनेक अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर किया योगाभ्यास
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर गोंडा में दो विपरीत तस्वीरें सामने आईं। एक ओर जिला मुख्यालय पर राजकीय मेडिकल कॉलेज में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, वहीं दूसरी ओर कोंडर में प्रस्तावित ऐतिहासिक कार्यक्रम को झूठी रिपोर्टिंग के आधार पर निरस्त करा दिया गया, जिससे न केवल स्थानीय जनता आहत हुई बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य आयोजन में जनपद के प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान, नोडल अधिकारी कंचन वर्मा, जिलाधिकारी नेहा शर्मा और मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके बाद योग प्रशिक्षक आदर्श मिश्रा के निर्देशन में सामूहिक योगाभ्यास कराया गया।
प्रभारी मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि योग न केवल शरीर बल्कि आत्मा की शांति का भी माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज योग एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में नियमित योग को अपनाएं।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए योग को जनसामान्य तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी गतिविधियां नागरिकों में स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूकता लाती हैं। नोडल अधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने भी योग के वैज्ञानिक पहलुओं और मानसिक स्वास्थ्य में इसके योगदान पर विचार प्रस्तुत किए।
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इस अवसर पर सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, स्वास्थ्यकर्मियों, आयुष विभाग के प्रतिनिधियों तथा नागरिकों ने भी भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इस आयोजन के अंत में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किए गए, जिससे उनके उत्साह में और वृद्धि हुई।
लेकिन कोंडर कार्यक्रम के निरस्तीकरण ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की गरिमा को आघात पहुंचाया। सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा कोंडर को जनपद स्तरीय मुख्य कार्यक्रम स्थल घोषित किया गया था। महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली कोंडर को यह गौरव दिलाने की कोशिश सफल होती दिख रही थी, लेकिन एक विभागीय अधिकारी ने कार्यक्रम स्थल पर बरसात की झूठी रिपोर्ट भेजकर प्रशासन को गुमराह किया। इसके परिणामस्वरूप यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह एक विभागीय कर्मचारी का सुनियोजित प्रयास था, कि महर्षि पतंजलि कोंडर की जन्मभूमि पर आयोजित कार्यक्रम को रोका जा सके। बावजूद इसके, आज सुबह सैकड़ों की संख्या में लोगों ने वहां योगाभ्यास किया और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सम्मान बचाया। ग्रामीणों की उपस्थिति और संकल्प ने यह सिद्ध कर दिया कि योग अब जनता का आंदोलन बन चुका है, जिसे कोई दबा नहीं सकता।
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