दो दिनों में ही सुधार ली गई थी ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआती रणनीतिक गलती-CDS
इंटरनेशनल डेस्क
सिंगापुर।ऑपरेशन सिंदूर में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना के कुछ लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त हुए, इसकी पुष्टि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने की है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने विमान गिरे और क्या उनमें राफेल जैसे आधुनिक विमान भी शामिल थे या नहीं। शनिवार को सिंगापुर में शांग-री-ला डायलॉग के अवसर पर ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में भारतीय वायुसेना को कुछ नुकसान जरूर हुआ, लेकिन यह संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है कि रणनीतिक तौर पर कहां चूक हुई। उन्होंने कहा, ‘महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कौन-सा विमान गिरा, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे। हमने कौन-सी रणनीतिक गलती की, वह ज्यादा मायने रखती है। संख्या उतनी महत्वपूर्ण नहीं है।’
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में भारत को नुकसान
जनरल चौहान ने यह भी बताया कि भारतीय पक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में हुई रणनीतिक गलती को दो दिनों के भीतर ही सुधार लिया और फिर वायुसेना ने लंबी दूरी से लक्ष्यों को निशाना बनाते हुए हमले किए। उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने भारत के छह लड़ाकू विमान गिराए जिनमें चार राफेल शामिल थे। इसे उन्होंने ‘पूर्णतः गलत’ करार दिया। रॉयटर्स को दिए एक अन्य इंटरव्यू में भी जनरल चौहान ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में भारत को नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन जल्द ही सेना ने अपनी रणनीति को बदलते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया और अपने मिशन को आगे बढ़ाया।
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पूर्णतः सफल रहा ऑपरेशन सिंदूर
हालाँकि भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने विमानों की संख्या या उनकी किस्म के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार किया। उन्होंने यह जरूर कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया और साथ ही पाकिस्तान के 13 सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। प्रवक्ता के अनुसार यह कार्रवाई दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इसके पहले 11 मई को हुई एक प्रेस ब्रीफिंग में वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने कहा, ‘हम एक युद्ध जैसी स्थिति में थे, और नुकसान उसका हिस्सा होता है।’ जब पत्रकारों ने उनसे विमानों की सटीक संख्या पूछी तो उन्होंने जवाब दिया, ‘आपको यह पूछना चाहिए कि क्या हम अपने मिशन में सफल हुए? और उसका उत्तर है – पूरी तरह हां।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमारे सभी पायलट सुरक्षित घर लौट चुके हैं।’ एयर मार्शल ने यह बताने से इनकार कर दिया कि कौन से विमान गिरे और कितनी संख्या में।
ऑपरेशन सिंदूर मामले में पारदर्शिता बरतने की मांग
उधर, तेलंगाना के मंत्री और पूर्व वायुसेना अधिकारी उत्तम कुमार रेड्डी ने केंद्र सरकार से ऑपरेशन सिंदूर मामले में पारदर्शिता बरतने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनरल चौहान की बातों से यह स्पष्ट हो गया है कि राफेल विमान भी इस सैन्य कार्रवाई में क्षतिग्रस्त हुआ। रेड्डी ने कहा, ‘हमने चार दिन की लड़ाई में जीत जरूर हासिल की। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि ऑपरेशन सिंदूर में राफेल विमान को नुकसान हुआ है। जब राहुल गांधी ने विदेश मंत्री से इस संबंध में केवल सवाल किया, तो भाजपा नेताओं ने उन्हें देशद्रोही करार देना शुरू कर दिया।’
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संक्षेप में
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और भारी तोपों का इस्तेमाल करते हुए आतंकी ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई कश्मीर में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई के तौर पर की गई थी। संक्षेप में, भारत ने इस संघर्ष में अपने कुछ लड़ाकू विमानों के गिरने की बात स्वीकार की है, लेकिन इस पर चुप्पी बरती है कि क्या राफेल जैसे उन्नत विमान भी इसमें शामिल थे। दूसरी ओर, पाकिस्तान के दावों को भारत ने नकार दिया है, लेकिन राजनीतिक और रक्षा हलकों से इस पूरे मामले में और अधिक पारदर्शिता की मांग तेज हो गई है।

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