अमेरिका में प्रवासियों पर असर और ट्रंप प्रशासन की नई नीति

ट्रंप का सख्त फैसला, नौ लाख प्रवासियों का परमिट रद्द

सख्त फैसला लेते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा-तत्काल अमेरिका छोड़कर चले जाएं; बाइडन प्रशासन ने दी थी राहत

इंटरनेशनल डेस्क

वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए नौ लाख प्रवासियों के परमिट रद्द कर दिए हैं। ये वे लोग हैं जो बाइडन प्रशासन द्वारा शुरू की गई ‘CBP वन एप’ नीति के तहत अमेरिका आए थे। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस कदम से अमेरिका में प्रवासियों पर गहरा असर पड़ा है और हजारों लोग अनिश्चितता की स्थिति में पहुंच गए हैं। इस आदेश के तहत अब इन प्रवासियों को तत्काल अमेरिका छोड़ने को कहा गया है। हालांकि अभी तक किसी भारतीय के शामिल होने की सूचना सामने नहीं आई है, लेकिन मैक्सिको, होंडुरास, वेनेजुएला, हैती और निकारागुआ जैसे देशों के हजारों नागरिक प्रभावित हुए हैं।

CBP वन एप से दाखिल हुए थे 9.36 लाख लोग
जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक लगभग 936,500 लोग मैक्सिको सीमा के जरिये ‘CBP वन एप’ का उपयोग करके अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे। उन्हें राष्ट्रपति के विशेष ‘पैरोल अधिकार’ के तहत दो वर्ष तक अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति दी गई थी। अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को पलटते हुए होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) के माध्यम से इन सभी पैरोल को रद्द करने का फैसला लिया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कदम ‘अमेरिकी नागरिकों और अमेरिका की सीमाओं की सुरक्षा’ के लिए जरूरी था।

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ईमेल से भेजे जा रहे नोटिस
होमलैंड सुरक्षा विभाग के अनुसार प्रभावित प्रवासियों को उनके पैरोल रद्द होने की सूचना ईमेल के जरिये भेजी जा रही है। हालांकि कितने लोगों को यह सूचना भेजी गई, इस पर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। कई प्रवासियों ने सोशल मीडिया पर नोटिस की प्रतियां साझा की हैं, जिसमें लिखा है – ‘अब समय आ गया है कि आप संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़ दें।’ यह संदेश प्रवासी समुदाय के बीच भय और अनिश्चितता का कारण बन गया है।

मेक्सिको सीमा पर फिर बढ़ा दबाव
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का सीधा असर मेक्सिको सीमा पर पड़ा है। हजारों लोग, जिनकी नियुक्ति ‘CBP वन एप’ के जरिये फरवरी तक होनी थी, अब वहीं फंसे हुए हैं। उन्हें अब इस नीति के तहत अमेरिका में प्रवेश की संभावना नहीं दिख रही है। ट्रंप ने अपने पहले ही दिन इस नीति को समाप्त कर दिया, जिससे पहले से निर्धारित साक्षात्कारों और प्रवेश की प्रक्रिया पर विराम लग गया है।

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बाइडन की ‘नरम नीति’ को बताया सबसे बड़ा सीमा संकट
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बाइडन की प्रवासी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने 1952 में बने ‘पैरोल अधिकार’ का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। इस वजह से अमेरिका अब तक के सबसे खराब सीमा संकट की ओर बढ़ा। DHS ने यह भी स्पष्ट किया कि बाइडन की अन्य प्रवासी योजनाएं, जैसे कि ‘क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला’ से आने वाले लोगों के लिए बनी नीति भी अब रद्द की जा रही है।

TPS (अस्थायी संरक्षित दर्जा) भी हुआ समाप्त
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसके साथ-साथ लगभग छह लाख वेनेजुएलावासियों और पांच लाख हैतीवासियों को दिया गया ‘अस्थायी संरक्षित दर्जा (TPS)’ भी समाप्त करने का फैसला किया है। हालांकि कोर्ट ने इस फैसले पर फिलहाल रोक लगाई है, फिर भी लगभग 3.5 लाख वेनेजुएलावासी ऐसे हैं जिनका TPS स्टेटस सोमवार को ही खत्म हो जाना था। TPS उन प्रवासियों को दिया जाता है जो प्राकृतिक आपदा या गृहयुद्ध की स्थिति के चलते अपने देश नहीं लौट सकते। यह दर्जा उन्हें अमेरिका में 18 माह तक रहने और काम करने की अनुमति देता है।

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