पुलिस की पूछताछ व प्रताड़ना के कारण हुई किशोरी की आत्महत्या-परिजन
मनोज तिवारी
अयोध्या! अंबेडकरनगर के भिउरा गांव में दो युवकों की हत्या के मामले में पुलिस पूछताछ के बाद लौटी 16 वर्षीय किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह उसका शव फंदे से लटकता मिला। परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और दबाव डालने का आरोप लगाया। विरोध के बाद गांव छावनी में तब्दील हो गया। सांसद और विधायक के आश्वासन के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती है।
किशोरी की आत्महत्या का दर्दनाक सच
अंबेडकरनगर के अहिरौली क्षेत्र के भिउरा गांव में शुक्रवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना घटी। दो युवकों की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन किशोरियों को हिरासत में लिया था। गुरुवार देर रात करीब एक बजे पुलिस ने इन्हें छोड़ा। शुक्रवार सुबह एक 16 वर्षीय किशोरी ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो माँ और परिजनों ने झरोखे से देखा। किशोरी का शव फंदे से लटक रहा था। इस दृश्य ने परिजनों में हड़कंप मचा दिया।
किशोरी की आत्महत्या की पृष्ठभूमि
बुधवार सुबह भिउरा गांव के प्राथमिक विद्यालय में दो युवकों के शव मिले थे। इनकी पहचान गाजीपुर के छतरपुर निवासी प्रिंस कुमार कुशवाहा और नोनहरा के आरो लालापुर निवासी मुकेश पासवान के रूप में हुई। परिजनों ने मृतकों के साथी सतीश और एक अन्य पर हत्या का आरोप लगाया। साथ ही, प्रिंस की भिउरा गांव की एक किशोरी से फोन पर बातचीत होने की जानकारी दी। पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की। गुरुवार को सतीश, एक अन्य व्यक्ति, और तीन किशोरियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से एक किशोरी की आत्महत्या ने मामले को और गंभीर बना दिया।
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किशोरी की आत्महत्या पर परिजनों का गुस्सा
शव मिलने की सूचना पर अहिरौली पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों ने पुलिस पर किशोरी को प्रताड़ित करने और दबाव डालने का आरोप लगाया। उन्होंने शव को फंदे से उतारने से मना कर दिया। परिजनों का कहना था कि पूछताछ के दौरान किशोरी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे वह यह कदम उठाने को मजबूर हुई। विरोध बढ़ता देख पुलिस ने गांव में भारी बल तैनात कर दिया। गांव छावनी में तब्दील हो गया। परिजन पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।

सांसद-विधायक का हस्तक्षेप
स्थिति बिगड़ती देख सांसद लालजी वर्मा और विधायक रामअचल राजभर मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद परिजन माने। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। सांसद और विधायक ने अहिरौली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने पूरे थाने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने पुलिस की पूछताछ प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए।
किशोरी की आत्महत्या और पुलिस की भूमिका
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान किशोरी पर अनुचित दबाव डाला। बताया जाता है कि मृतक प्रिंस से इस किशोरी की फोन पर बात होती थी। पुलिस ने इसी आधार पर उसे हिरासत में लिया था। देर रात छोड़े जाने के बाद किशोरी ने यह कठोर कदम उठाया। परिजनों का कहना है कि पुलिस की प्रताड़ना ने किशोरी को मानसिक रूप से तोड़ दिया। इस घटना ने पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल उठाए।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीएम अनुपम शुक्ला और एसपी केशव कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए। उन्होंने डॉक्टरों के पैनल से वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए। पुलिस ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। साथ ही, दो युवकों की हत्या और किशोरी की आत्महत्या के बीच संबंधों की जांच शुरू हो गई है। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि किशोरी की आत्महत्या के पीछे पूछताछ की प्रक्रिया कितनी जिम्मेदार थी।
किशोरी की आत्महत्या से उठे सवाल
यह घटना कई सवाल छोड़ती है। क्या पुलिस की पूछताछ प्रक्रिया इतनी कठोर थी कि किशोरी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया? क्या हत्या के मामले में सही दिशा में जांच हो रही है? परिजनों के आरोपों ने पुलिस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया है। स्थानीय लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच विश्वास की कमी को उजागर किया।
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सामाजिक और कानूनी प्रभाव
किशोरी की आत्महत्या ने समाज में असुरक्षा का माहौल पैदा किया है। यह घटना पुलिस की पूछताछ प्रक्रिया में संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती है। खासकर नाबालिगों के साथ पूछताछ में सावधानी बरतने की जरूरत है। इस मामले ने कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
प्रकरण की निष्पक्ष जांच जरूरी
किशोरी की आत्महत्या एक दुखद और चौंकाने वाली घटना है। यह पुलिस की कार्यशैली और पूछताछ प्रक्रिया की खामियों को उजागर करती है। परिजनों के आरोपों और सांसद-विधायक की मांग के बाद इस मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी है। पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। इस घटना से समाज में संवेदनशीलता और विश्वास बहाली की जरूरत सामने आई है।

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