Wednesday, July 16, 2025
Homeविचारसांस्कृतिक भावभूमि से बन रहा नया भारत

सांस्कृतिक भावभूमि से बन रहा नया भारत

युवा शक्ति पर है सपनों को सच करने की जिम्मेदारी

प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी

भारत अध्‍यात्‍म, ज्ञान, कर्म, सेवा, साधना और करुणा का देश रहा है। भारत, राष्‍ट्र के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए युवाओं की भूमिका का महत्‍व पहचानने वालों का देश रहा है। ऋषियों, शिक्षकों, कवियों, गुरुओं और वरिष्‍ठ-जनों ने युवा-शक्‍ति का यथेष्‍ट मार्गदर्शन करके उन्‍हें समाज, देश और दुनिया के कल्‍याण की ओर सदैव प्रेरित किया है। राष्‍ट्र-निर्माण के कार्य में युवाओं को प्रेरित करने में समाज की, मनीषियों और चिंतकों की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। ये मनीषी और चिंतक युवा शक्‍ति के लिए सदैव प्रेरक होते हैं। उनके ‘रोल मॉडल’ होते हैं। सामान्‍य तौर पर, ये रोल मॉडल समय-समय पर, देश-काल और परिस्‍थिति के अनुसार, बदलते रहते हैं। लेकिन कुछ रोल मॉडल कभी नहीं बदलते। ऐसे ही एक कालजयी रोल मॉडल हैं – स्‍वामी विवेकाननंद।

स्‍वामी विवेकानंद के विचार दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं। उन्‍हें युवाओं की ऊर्जा पर बहुत भरोसा था। वे कहते थे कि ‘युवा वो होता है जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्‍य के लक्ष्‍यों की दिशा में काम करता है’। स्वामी विवेकानंद भारत के युवा को अपने गौरवशाली अतीत और वैभवशा‍ली भविष्य की एक मजबूत कड़ी के रूप में देखते थे। आप सभी को आज बस अपने अतीत को जानना है। क्‍योंकि अतीत को जानकर, उसे समझकर, आपको भविष्‍य के लक्ष्‍य तय करने हैं। अपने लिए, समाज के लिए, देश के लिए जो कुछ भी उत्तम और कल्‍याणकारी है, उसे प्राप्‍त करने के लिए काम करना है।

यह भी पढ़ें: भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दैदीप्यमान सूर्य वीर सावरकर

आज का भारत, युवा शक्‍ति से भरपूर है। देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या यानी लगभग 85 करोड़ युवा अपनी रचनात्‍मक शक्‍ति के बल पर हमारे देश को प्रगति की, मानव सभ्‍यता की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो आज से लगभग 9 वर्ष पहले शुरू किए गए ‘स्‍वच्‍छ भारत अभियान’ की सफलता में युवाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। स्‍वच्‍छता के प्रति जागरुकता बढ़ाने में, लोगों को प्रेरित करने में युवाओं ने प्रभावशाली योगदान दिया है। हमारे युवाओं में असीम प्रतिभा और ऊर्जा है। इस प्रतिभा और ऊर्जा का समुचित विकास और उपयोग किए जाने की जरूरत है। इस दिशा में प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं और इन प्रयासों के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। ज्ञान-विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर, खेल के मैदान तक भारत के बेटे-बेटियां विश्‍व समुदाय पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। देश के कोने-कोने से नई-नई खेल प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। खेल-कूद से हमारे अंदर टीम भावना का संचार होता है। सामाजिक सौहार्द और राष्‍ट्रीय एकता के लिए टीम भावना जगाने वाले ऐसे प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत है।

आज Innovation, Incubation और Start-Up की नई धारा का नेतृत्‍व भारत में कौन कर रहा है? आज अगर भारत दुनिया के Start-Up Eco System में टॉप तीन देशों में आ गया है, तो इसके पीछे किसका परिश्रम है? आज भारत दुनिया में यूनिकॉर्न पैदा करने वाला, एक बिलियन डॉलर से ज्‍यादा की नई कंपनी बनाने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बना है, तो इसके पीछे किसकी ताकत है? इन सब सवालों का एक ही जवाब है, युवा। युवाओं की मेहनत और समर्पण के दम पर ही भारत आज नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है।

यह भी पढ़ें: एआई की चुनौतियों के बीच मीडिया शिक्षा का भविष्य!

सांस्कृतिक भावभूमि से बन रहा नया भारत

आज से 10 साल पहले हमारे देश में औसतन चार हजार पेटेंट प्रतिवर्ष होते थे। अब इसकी संख्‍या बढ़कर सालाना 15 हजार पेटेंट से ज्‍यादा हो गई है, यानि करीब-करीब चार गुना। ये किसकी मेहनत से हो रहा है। कौन है इसके पीछे? मैं फिर से दोहराता हूं। इसके पीछे युवा ही हैं, नौजवान साथी हैं, युवाओं की ताकत है। 26 हजार नए स्‍टार्टअप का खुलना दुनिया के किसी भी देश का सपना हो सकता है। ये सपना आज भारत में सच हुआ है। तो इसके पीछे भारत के नौजवानों की ही शक्ति है, उन्‍हीं के सपने हैं। भारत के नौजवानों ने अपने सपनों को देश की जरूरतों से जोड़ा है, देश की आशाओं और आकांक्षाओं से जोड़ा है। देश के निर्माण का काम मेरा है, मेरे लिए है और मुझे ही करना है। इस भावना से भारत का नौजवान आज भरा हुआ है।

आज देश का युवा नए-नए ऐप्स बना रहा है, ताकि खुद की जिंदगी भी आसान हो जाए और देशवासियों की भी मदद हो जाए। आज देश का युवा हेकाथॉन के माध्‍यम से, तकनीक के माध्‍यम से, देश की हजारों समस्याओं का समाधान खोज रहा है। आज देश का युवा ये नहीं देख रहा कि ये योजना शुरू किसने की, वो आज खुद नेतृत्‍व करने के लिए आगे आ रहा है। आज देश के युवाओं के सामर्थ्‍य से नए भारत का निर्माण हो रहा है। एक ऐसा नया भारत, जिसमें Ease of Doing Business भी हो और Ease of Living भी हो। एक ऐसा नया भारत, जिसमें लाल बत्ती कल्‍चर नहीं है, जिसमें हर इंसान बराबर है, हर इंसान महत्‍वपूर्ण है। एक ऐसा नया भारत, जिसमें अवसर भी हैं और उड़ने के लिए पूरा आसमान भी।

विश्व स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करके भारत के युवा आज आर्थिक विकास और राष्ट्रीय अर्थव्यस्था के लिए ‘मेरूदंड’ सिद्ध हो रहे है। ऐसा नहीं है की भारत ने अपनी वैश्विक शक्ति किसी से उधार में ली है। अतीत में भी भारत विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित रहा है। भारतीय युवा शक्ति का लोहा अमेरिकी के भूतपूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मानते थे, तभी उन्होंने समय समय पर भोग में लिप्त अमेरिका के युवाओं को भारत से सीख लेने का परामर्श दिया था। भारत इस समय बहुत ही सुनहरे दौर से गुजर रहा है। हमारे देश में इस समय युवाओं की संख्या ज्यादा है। जिस देश में युवाओं की आबादी जितनी ज्यादा हो, वह उतनी ही तेजी से तरक्की करता है। इतिहास इसका गवाह है। ऐसे में यह सभी की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि युवाओं की ऊर्जा नष्ट न होने पाए। उन्हें सभी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा अवसर मुहैया कराए जाने चाहिए।

यह भी पढ़ें: India Fertility Rate में आई डरावनी गिरावट!

हमारे ऋषियों ने उपनिषदों में ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतं गमय’ की प्रार्थना की है। यानी, हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें। परेशानियों से अमृत की ओर बढ़ें। अमृत और अमरत्व का रास्ता बिना ज्ञान के प्रकाशित नहीं होता। इसलिए, अमृतकाल का ये समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है, जिसकी जड़ें प्राचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होंगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा। हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है। अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है। और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।

प्रख्यात कवि भीम भोई जी की कविता की एक पंक्ति है-
“मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ,जगत उद्धार हेउ”।
अर्थात्, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है। जगत कल्याण की इसी भावना के साथ हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को पूरी निष्ठा व लगन के साथ काम करना होगा। हम सभी एकजुट होकर समर्पित भाव से कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ेंगे, तभी वैभवशाली और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।
(पूर्व महानिदेशक, भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली)

यह भी पढ़ें: Gujrat Plane Crash: भीषण हादसे से 260 की दर्दनाक मौत

RELATED ARTICLES

Most Popular