अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। राजमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती के अवसर पर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपने राष्ट्र समर्पण के विचारों को मुखर किया। जनपद बलरामपुर मुख्यालय स्थित कांग्रेस कैंप कार्यालय पर आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी बलरामपुर के तत्वावधान में राजमाता अहिल्याबाई होलकर को याद किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शिवलाल कोरी ने की, जबकि संचालन का दायित्व डॉ पंकज गुप्ता ने निभाया। इस मौके पर वक्ताओं ने राजमाता के जीवन मूल्यों, उनके आदर्श शासन और सामाजिक सुधारों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
राजमाता अहिल्याबाई होलकर: एक सादगी भरा जीवन, अद्वितीय योगदान
जिला अध्यक्ष शिवलाल कोरी ने जानकारी दी कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ था। होलकर वंश की यह महान शासिका अपने सादगीपूर्ण जीवन, धार्मिक आस्था और राष्ट्र समर्पण के लिए विख्यात रहीं। उन्होंने बताया कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर ने सती प्रथा जैसे कुप्रथाओं का विरोध किया और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का ऐतिहासिक कार्य किया। इसी कारण उन्हें ‘द फिलॉसफर क्वीन’ की उपाधि प्राप्त हुई।
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भारत की गरिमा की रक्षक बनीं राजमाता अहिल्याबाई होलकर
कार्यक्रम में अवधेश पाल सिंह ने कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर ने विपरीत परिस्थितियों में भी भारत की सांस्कृतिक गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखा। उन्होंने देशभर में सैकड़ों मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रमुख कार्य काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त स्वरूप का पुनर्निर्माण रहा। उनकी यह पहल सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने की दृष्टि से एक ऐतिहासिक क्रांति थी। उनके इन कार्यों से भारत की पुरातन परंपरा को जीवनदान मिला।
भारतवर्ष में गूंजा एक महिला शासिका का परचम
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पवन शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि इंदौर की यह महान महारानी न केवल एक राज्य की रानी थीं, बल्कि उनका शासन पूरे भारतवर्ष में आदर्श बन गया। उन्होंने संपूर्ण भारत में अपने न्याय, संस्कृति और विकास कार्यों से समाज को दिशा दी। उनके प्रशासनिक निर्णय और लोकहित में किए गए कार्य आज भी लोकतंत्र और सुशासन की मिसाल हैं। वह महिलाओं के लिए प्रेरणा, और संपूर्ण राष्ट्र के लिए मर्यादा और गरिमा की प्रतीक थीं।
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नेताओं और कार्यकर्ताओं की भारी भागीदारी
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मारकंडे मिश्रा, जिला प्रवक्ता घनश्याम मिश्र, विक्की पांडे, विशाल कश्यप, डॉ प्रतीक मिश्रा, बृजेश चौहान, अमेरिका प्रसाद, कुरील जमील, अहमद ईबरार, अहमद अफरोज, शाहिद हसन, टीपू मोहम्मद कलीम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने राजमाता अहिल्याबाई होलकर के पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।
नारी शक्ति की प्रतीक रहीं राजमाता अहिल्याबाई होलकर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि आज के समय में भी राजमाता अहिल्याबाई होलकर का जीवन और कार्य नारी शक्ति के लिए दिशा और प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी शासन शैली, सामाजिक सोच और सांस्कृतिक नेतृत्व को नई पीढ़ी को समझाना और अपनाना समय की मांग है। राजमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि यह भारत की एक महान महिला शासिका के विचारों का उत्सव था। कांग्रेस पार्टी ने इस अवसर पर अपने सामाजिक सरोकारों और सांस्कृतिक उत्तरदायित्व को फिर से दोहराया।
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