अतुल द्विवेदी
प्रदेश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के लिए प्राविधिक शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। यह विकास की धुरी है, जो न केवल औद्योगिक क्षेत्र में बल्कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी महती भूमिका निभा रही है। प्राविधिक शिक्षा विभाग, उद्योगों में लगातार हो रहे प्रौद्योगिकी उन्नयन के अनुरूप, औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार प्रदेश में कुशल प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करने हेतु सतत प्रयत्नशील है।
प्रदेश सरकार का प्राविधिक शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने, जेंडर गैप भरने, दिव्यांगों, अल्पसंख्यकों तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के शैक्षिक एवं आर्थिक विकास हेतु तकनीकी शिक्षा को सर्वसुलभ और सार्वभौमिक बनाने के लिए कृतसंकल्पित है। सरकार का यह भी प्रयास है कि तकनीकी संस्थानों में दिया जा रहा प्रशिक्षण राष्ट्रीय औसत स्तर से उच्च हो, ताकि प्रशिक्षित युवक-युवतियां न केवल स्वावलम्बी बन सकें बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर देश को विदेशी मुद्रा अर्जित कराने में योगदान दे सकें।
प्रदेश में प्राविधिक शिक्षा हेतु डिप्लोमा स्तरीय कुल 220 पॉलिटेक्निक संस्थाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 201 राजकीय एवं 19 अनुदानित संस्थाएं शामिल हैं। वर्तमान में 147 राजकीय, 19 अनुदानित एवं 18 संस्थाएं पीपीपी मॉडल पर संचालित हैं। इन 184 संस्थाओं में शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए कुल 54,127 सीटें निर्धारित की गई हैं, जिन पर छात्रों का प्रवेश लेकर उन्हें तकनीकी शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश की पॉलीटेक्निक संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु प्रवेश में 20 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है, वहीं दिव्यांगजनों के लिए 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू है।
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पॉलीटेक्निक संस्थाओं में छात्राओं को छात्रावास की सुविधा देने के लिए प्रत्येक संस्था में कम से कम एक महिला छात्रावास बनाए जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में 20 महिला छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रदेश के प्रत्येक मंडल में कम से कम एक महिला पॉलीटेक्निक की स्थापना का लक्ष्य है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में छह महिला पॉलीटेक्निक निर्माणाधीन हैं। राजकीय पॉलीटेक्निकों में अध्ययनरत छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु एआईसीटीई मानकों के आधार पर अब तक 89 पॉलीटेक्निकों में भाषा प्रयोगशालाएं (लैंग्वेज लैब्स) स्थापित की जा चुकी हैं। साथ ही, ऑनलाइन शिक्षण और इंटरनेट के माध्यम से प्रशिक्षण हेतु 183 स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना की जा चुकी है।

प्राविधिक शिक्षा विभाग के सौजन्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी’ बनाने के दृष्टिगत राज्य में स्थापित हो रहे उद्योगों को आधुनिक तकनीक में दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु सत्र 2022-23 से New Age Course के अंतर्गत चार पाठ्यक्रम (डेटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलॉजी) में प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है, जिसमें हजारों छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं। सरकार द्वारा सीधी भर्ती के अंतर्गत राजकीय पॉलीटेक्निकों में समूह ‘ख’ संवर्ग के 466 पदों पर तथा समूह ‘ग’ संवर्ग के 483 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं।
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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के केंद्रीय प्लेसमेंट सेल द्वारा विगत एक वर्ष में लगभग 5,000 से अधिक रोजगार के अवसर सम्बद्ध संस्थानों के विद्यार्थियों को उपलब्ध कराए गए। फरवरी 2024 में प्राविधिक शिक्षा द्वारा आयोजित मेगा जॉब फेयर में 50 से अधिक एमएनसी कंपनियों ने प्रतिभाग किया, जिसके माध्यम से 2,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री का प्राविधिक शिक्षा पर विशेष फोकस है।
प्रदेश के छात्रों को अधिकाधिक प्राविधिक शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिर्जापुर, प्रतापगढ़, गोंडा एवं बस्ती जिलों में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना की गई है। वर्ष 2023-24 में मेंटर संस्थानों में पठन-पाठन प्रारंभ किया गया था, जबकि शैक्षिक वर्ष 2024-25 से इन संस्थानों में स्वतंत्र रूप से शिक्षण कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ लेकर प्रदेश के युवा तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

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