नेपाल में भूकंप के झटके, कांपी धरती
उत्तर भारत में भी महसूस हुए नेपाल में भूकंप की भांति हल्के झटके
इंटरनेशनल डेस्क
काठमांडू। नेपाल में शुक्रवार (4 अप्रैल 2025) को शाम 7ः52 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 थी. फिलहाल इस भूकंप से किसी भी तरह के हताहत की खबर सामने नहीं आई है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप 20 किमी की गहराई में आया. उत्तराखंड का पिथोरागढ़ भूकंप का केंद्र था. इससे पहले बंगाल की खाड़ी में शाम पांच बजकर 50 मिनट पर 4.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे.
इससे पूर्व म्यांमार में आया था भूकंप
नेपाल दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है, जहां भूकंप का खतरा लगातार बना रहता है. म्यांमार और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुक्रवार (28 मार्च 2025) को को आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई. उस दिन नेपाल में भी सुबह 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके भारत के बिहार, सिलीगुड़ी और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों में महसूस किए गए.
म्यांमार में भूकंप आने से पहले उसी दिन भारत और तिब्बत के सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों ने भी भूकंप के झटके महसूस किए जाने की सूचना दी. भूकंप के कारण थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में निर्माणाधीन एक बहुमंजिला इमारत ढह गई तो वहीं म्यांमार में लाखों लोग बेघर हो गए. भारत सरकार ने म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए मिशन शुरू किया, जिसे ऑपरेशन ब्रह्मा नाम दिया गया. भारत म्यांमार में आए भीषण भूकंप से तबाह हुए बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्निर्माण में उसकी मदद करेगा.
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भूकंप के दौरान क्या करें
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।

यदि आप घर के अंदर हों
आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाएं, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें या तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं। किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर, किसी कमरे के कोने में, किसी मेज या यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं। सीसे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें।
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यदि आप घर के बाहर हों
यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। इसके साथ ही बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।
यदि किसी चलते वाहन में हों
जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली/टेलीफोन आदि की तारों के पास या नीचे रुकने से बचें। सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।
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