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श्री गणेश वंदना

लव कुमार चतुर्वेदी

गणपति के पावन चरणों में, हम शीश झुकाने आए हैं
मेवा मिश्री का भोग लगा, प्रसाद चढ़ाने आए हैं
हे गजनायक गजदन्त विनायक ,हम करते आपका अभिनंदन ,
हे उमासुत शंभू नंदन, हो प्राप्त आपका आशीर्वचन,इसलिए वंदना गए हैं
गणपति के पावन चरणों में हम शीश झुकाने आए हैं,
हे मूषक देव पुत्र महादेव, गौरी सुत गजनायक हो,
हे कष्ट विदारक, सुखदायक, हो प्रथम पूज्य देवों में देव
हम सेवा भाव से आए हैं,
सेवा हो सफल मिले मेवा, लव यही आश लगाए है|
गणपति के पावन चरणों में हम शीश झुकाने आए हैं|
जय चतुरानन, गजमुखय नमः गौरी सुत श्री गणेशाय नमः,
हो एकदंत, तुम दयावंत, दीनों के दीनानाथ तुम्ही
हे कृपा पात्र तुम सब पर कृपा करो,
लव यही आश ले दीप जलाएं है,
गणपति के पावन चरणों पर हम शीश झुकाना आए हैं!

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