दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को उम्रकैद की सजा
पांच वर्षीय मासूम की दुष्कर्म के बाद कर दी गई थी हत्या
संवाददाता
बहराइच। जिले की एक अदालत ने पांच वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास के साथ 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह जानकारी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) संत प्रताप सिंह ने दी।
सहायक डीजीसी के अनुसार, दुष्कर्म की यह हृदय विदारक घटना 22 और 23 फरवरी 2020 की रात की है। पीड़िता के पिता ने थाना दरगाह शरीफ में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ठाकुर बाग पानी टंकी के पास खुले स्थान पर सो रहा था। रात करीब दो बजे जब उसकी नींद खुली, तो उसकी पांच वर्षीय बेटी बिस्तर पर नहीं थी। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। सुबह लगभग आठ बजे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, जब कुछ लोगों ने बताया कि टाडा बाग बाउंड्री के पास एक नाले में बोरी पड़ी है, जिससे दुर्गंध आ रही है। जब वादी वहां पहुंचा और बोरी को खोला, तो उसमें उसकी बेटी की लाश थी। शव पर चाकू के कई निशान थे, जिससे साफ था कि हत्या क्रूरता से की गई थी।
जांच में हुआ था चौंकाने वाला खुलासा
23 फरवरी 2020 को हुई दुष्कर्म के बाद हत्या की इस घटना का मुकदमा थाना दरगाह शरीफ में अज्ञात अभियुक्त के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) में दर्ज किया गया। मामले की विवेचना निरीक्षक विनय कुमार सरोज को सौंपी गई, जिन्होंने साक्ष्य एकत्र कर घटनास्थल का मुआयना किया और गवाहों के बयान दर्ज किए। जांच के दौरान संदेह के आधार पर मोहम्मद रईश पुत्र अब्दुल हमीद निवासी मकई दरवाजा सिंहापरासी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ और साक्ष्य के बाद अभियुक्त की संलिप्तता स्पष्ट हुई और 8 मार्च 2020 को उसके विरुद्ध धारा 376(एबी) (नाबालिग से बलात्कार), 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) आईपीसी तथा धारा 5(एम)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
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दोष सिद्ध होने पर सुनाई गई सजा
सत्र परीक्षण अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) दीप कांत मणि की अदालत में चला। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह, सुरेंद्र मौर्या और पैरोकार आरक्षी शैलेश कुमार ने प्रभावी पैरवी करते हुए केस को मजबूती से प्रस्तुत किया। कोर्ट मोहर्रिर कांस्टेबल बृजेश कुमार साहनी ने भी अदालती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अदालत ने अभियुक्त मोहम्मद रईश को दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड न अदा करने पर अभियुक्त को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
एसपी ने अभियोजन पक्ष को सराहा
पुलिस अधीक्षक ने दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या करने के मामले में प्रभावी पैरवी के लिए अभियोजन टीम और पुलिस अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि यह फैसला जनमानस में कानून के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बर घटनाओं में पुलिस और अभियोजन की संयुक्त सजगता ही न्याय सुनिश्चित करती है। एसपी ने कहा कि ऑपरेशन कन्विक्शन जैसे अभियानों के चलते गंभीर अपराधों में त्वरित न्याय मिल रहा है और अपराधियों में भय का वातावरण बन रहा है।
बाल अपराधों पर मिलेगी सख्त सजा
दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा देने का यह फैसला यह भी दर्शाता है कि न्यायालय अब मासूमों के साथ जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शने वाला नहीं है। दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को उम्रकैद देकर अदालत ने एक मजबूत संदेश दिया है कि समाज में ऐसे अपराधों की कोई जगह नहीं है और कानून अपने पूरे कठोर स्वरूप में मौजूद है।

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