नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने पुलिस विभाग के सहयोग से पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के अवैध निर्माण, वितरण और बिक्री के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अंतर्गत यह एक गंभीर अपराध है। पिछले 14 महीनों में एनसीईआरटी ने 5 लाख से अधिक नकली किताबें जब्त की हैं, जिनमें इस्तेमाल हुआ कागज और प्रिंटिंग मशीनें भी शामिल हैं। इनकी अनुमानित कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। साथ ही, इस गोरखधंधे में लिप्त प्रिंटरों, गोदाम मालिकों और विक्रेताओं के खिलाफ 29 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस के साथ मिलकर एनसीईआरटी ने एक बड़े गोदाम पर छापा मारा, जहां से 1.5 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी किताबें जब्त की गईं, जिनकी बाजार कीमत 2 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है। छापे के दौरान एक ट्रक, दो कारें, बड़ी मात्रा में छपी हुई नकली किताबें और प्रिंटिंग प्लेटें भी बरामद की गईं। इस दौरान मौके से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद हरियाणा के समालखा में एक प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा गया, जहां से और अधिक नकली किताबें, प्रिंटिंग प्लेटें और मशीनें जब्त की गईं। पुलिस और एनसीईआरटी की टीमों ने इस अवैध कारोबार के सरगनाओं की पहचान के लिए जांच तेज कर दी है।
एनसीईआरटी अधिकारियों के अनुसार, पायरेटेड किताबें केवल राजस्व की हानि नहीं करतीं, बल्कि इनमें इस्तेमाल होने वाला घटिया कागज और स्याही विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु एनसीईआरटी ने अपनी पाठ्यपुस्तकों की छपाई और कागज की गुणवत्ता को बेहतर बनाया है। अब एनसीईआरटी पुस्तकें समय से प्रकाशित की जा रही हैं और बाजार में इनकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, एनसीईआरटी ने प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर अपनी पाठ्यपुस्तकों को अधिकतम खुदरा मूल्य पर, बिना किसी डिलीवरी शुल्क के उपलब्ध कराया है ताकि छात्रों को प्रमाणिक किताबें सरलता से प्राप्त हो सकें।
एनसीईआरटी की टीम ने उत्तराखंड के काशीपुर स्थित एक पेपर मिल पर भी कार्रवाई की है, जो अवैध रूप से एनसीईआरटी के वॉटरमार्क वाला कागज बना रही थी। जांच में सामने आया है कि पुराने वॉटरमार्क सिस्टम की नकल करना पायरेटरों के लिए आसान हो गया था, जिससे नकली किताबें आसानी से तैयार हो जाती थीं। इस समस्या से निपटने के लिए एनसीईआरटी ने अब एक नई टेक्नोलॉजी आधारित समाधान अपनाया है, जिसे आईआईटी कानपुर ने विकसित किया है। यह पायलट योजना एक पाठ्यपुस्तक के 10 लाख प्रतियों पर लागू की गई है और आगामी शैक्षणिक सत्र से इसे सभी पुस्तकों पर लागू करने की योजना है। इस नई तकनीक से पायरेटेड किताबों की पहचान और रोकथाम दोनों में मदद मिलेगी।

पोर्टल की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें : www.hindustandailynews.com
हमारे वाट्सऐप चैनल को फालो करें : https://whatsapp.com/channel/0029Va6DQ9f9WtC8VXkoHh3h
कलमकारों से: पोर्टल पर प्रकाशन के इच्छुक कविता, कहानियां, महिला जगत, युवा कोना, सम सामयिक विषयों, राजनीति, धर्म-कर्म, साहित्य एवं संस्कृति, मनोरंजन, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक इत्यादि विषयों पर लेखन करने वाले महानुभाव अपनी मौलिक रचनाएं एक पासपोर्ट आकार के छाया चित्र के साथ मंगल फाण्ट में टाइप करके हमें प्रकाशनार्थ प्रेषित कर सकते हैं। हम उन्हें स्थान देने का पूरा प्रयास करेंगे : जानकी शरण द्विवेदी, प्रधान संपादक मोबाइल- 9452137310 E-Mail : hindustandailynews1@gmail.com
📢 पोर्टल की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए: www.hindustandailynews.com
📱 हमारे WhatsApp चैनल को फॉलो करें
✍️ कलमकारों से: पोर्टल पर प्रकाशन के इच्छुक कविता, कहानियां, महिला जगत, युवा कोना, सम सामयिक विषयों, राजनीति, धर्म-कर्म, साहित्य एवं संस्कृति, मनोरंजन, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक इत्यादि विषयों पर लेखन करने वाले महानुभाव अपनी मौलिक रचनाएं एक पासपोर्ट आकार के छाया चित्र के साथ मंगल फाण्ट में टाइप करके हमें प्रकाशनार्थ प्रेषित कर सकते हैं। हम उन्हें स्थान देने का पूरा प्रयास करेंगे।
📞 संपर्क: जानकी शरण द्विवेदी (प्रधान संपादक)
📱 मोबाइल: 9452137310
📧 ईमेल: hindustandailynews1@gmail.com
📣 महत्वपूर्ण सूचना
गोंडा और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं के लिए विशेष अभियान
आपका गाँव, आपकी खबर — अब आपकी कलम से!
मित्रों, आपके आसपास की कई घटनाएं खबर रह जाती हैं। उन्हें मीडिया में स्थान नहीं मिल पाता है। तो अब सरकारी योजनाओं की सच्चाई, गाँवों की समस्याएं, युवाओं की सफलता या स्थानीय मुद्दे, सभी को मिलेगा एक सशक्त मंच!
हिंदुस्तान डेली न्यूज ला रहा है ‘आपका गाँव, आपकी खबर’ मुहिम।
हम तलाश कर रहे हैं ऐसे जागरूक युवाओं को जो अभी बेरोजगार हैं अथवा पढ़ रहे हैं। वे अपने क्षेत्र अथवा स्कूल, कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम, क्षेत्र की सच्चाई, विशेषताएँ और जनहितकारी मुद्दे हमारे साथ साझा करें।
कैसे भेजें: WhatsApp पर हिंदी में टाइप किया हुआ टेक्स्ट, फोटो, ऑडियो या वीडियो, किसी भी रूप में भेज सकते हैं।
कैसे जुड़ें: अपना नाम, उम्र, पता, योग्यता और पहली खबर (Text या Voice में) भेजें। साथ में एक फोटो और WhatsApp नंबर भेजें। चयन होने पर ID कार्ड जारी किया जाएगा और आप टीम के WhatsApp ग्रुप में जोड़ दिए जाएंगे।