अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। स्थानीय जवाहर नवोदय विद्यालय में आयोजित 51वीं यूपी बटालियन एनसीसी शिविर का शुक्रवार को समापन समारोह संपन्न हुआ। यह एनसीसी शिविर एक सप्ताह से अधिक समय तक चला, जिसमें प्रतिभागियों को सैन्य अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सामूहिक जीवन के विविध पहलुओं का गहन प्रशिक्षण दिया गया। समापन अवसर पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों और खेल प्रतियोगिताओं ने पूरे शिविर को उल्लासपूर्ण वातावरण में परिणत कर दिया। कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एपीएस पटवाल की देखरेख में इस प्रशिक्षण शिविर की सभी गतिविधियाँ कुशलतापूर्वक सम्पन्न की गईं।
सैन्य अनुशासन की गहन शिक्षा
एनसीसी शिविर में कैडेटों को पीटी, ड्रिल, फायरिंग अभ्यास, योगाभ्यास, मैप रीडिंग, फील्ड क्राफ्ट और बैटल क्राफ्ट जैसे विषयों का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया। इन सभी गतिविधियों के माध्यम से कैडेटों को शारीरिक दक्षता के साथ-साथ मानसिक मजबूती का भी अभ्यास कराया गया। कमांडिंग ऑफिसर कर्नल पटवाल ने स्वयं महत्वपूर्ण सैन्य विषयों की पुनरावृत्ति करवाई और प्रशिक्षण को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इन सभी गतिविधियों को कैडेट अपने जीवन में अपनाकर एक बेहतर नागरिक बन सकते हैं।
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खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम बने आकर्षण
एनसीसी शिविर के अंतिम दिन वॉलीबॉल और बैडमिंटन के फाइनल मैचों का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न कंपनियों के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत कर कैडेटों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। एनसीसी शिविर समारोह में 48वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सुनील कपूर, डिप्टी कैम्प कमांडेंट रणयोद्ध सिंह, विद्यालय की प्रधानाचार्य गीता मिश्रा, तथा वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी शिव कुमार पाठक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी विशिष्ट अतिथियों ने विजेता कैडेटों को पुरस्कार वितरित किए।
नेतृत्व और समन्वय का सफल उदाहरण
यह एनसीसी शिविर पूरी तरह कैम्प कमांडेंट कर्नल एपीएस पटवाल एवं डिप्टी कैम्प कमांडेंट रणयोद्ध सिंह के निर्देशन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विद्यालय की प्रधानाचार्य गीता मिश्रा के सहयोग से न केवल शिविर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलीं, बल्कि विद्यार्थियों की भागीदारी भी उत्साहजनक रही। शिविर की संचालन टीम में एएनओ, जेसीओ, एनसीओ, पीआई स्टाफ, केयर टेकर और सिविल स्टाफ का भी अहम योगदान रहा। उन्होंने कैडेटों की दिनचर्या से लेकर प्रशिक्षण गतिविधियों तक हर मोर्चे पर सहायक की भूमिका निभाई।
कर्नल पटवाल ने अपने समापन भाषण में कहा कि एनसीसी केवल एक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक शैली है, जो युवाओं को आत्मानुशासन, देशभक्ति और नेतृत्व के गुणों से परिपूर्ण बनाती है। उन्होंने कैडेटों से आह्वान किया कि वे शिविर में सीखी गई हर बात को अपने जीवन में आत्मसात करें। यह एनसीसी शिविर बलरामपुर जिले के युवाओं के लिए न केवल एक बड़ा अवसर था, बल्कि इससे जुड़ी सैन्य शिक्षा, नेतृत्व विकास और नागरिक कर्तव्यों की समझ भी छात्रों में विकसित हुई। ऐसे शिविरों से भविष्य के सैनिकों, अधिकारियों और जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण संभव होता है।
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