भारत-पाक संघर्षविराम शाम 5 बजे से लागू!
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत-पाक संघर्षविराम पर दोनों देशों को दी बधाई
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। भारत-पाक संघर्षविराम को लेकर एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा किए गए ऐलान ने विश्व समुदाय का ध्यान खींचा है। ट्रम्प ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान ने एक तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति जता दी है। इस घोषणा ने जहां वैश्विक मंच पर सकारात्मक संकेत दिए, वहीं भारत सरकार ने इस पर औपचारिक रूप से मुहर लगा दी है।
भारत-पाक संघर्षविराम पर पाकिस्तान ने दिखाई नरमी
पाकिस्तान की ओर से उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत-पाक संघर्षविराम पर ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान ने कभी अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ समझौता नहीं किया, लेकिन क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध है। यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान की ओर से बीते 24 घंटों में भारत की सीमा के पास 26 जगहों पर हमले किए गए। एलओसी पर गोलीबारी की घटनाएं लगातार सामने आई हैं, लेकिन अब सीजफायर की घोषणा दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव को विराम देने वाली मानी जा रही है।

ट्रम्प का दावा और भारत की प्रतिक्रिया
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-पाक संघर्षविराम पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।’ हालांकि भारत सरकार की ओर से शुरुआत में औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी, लेकिन बाद में इसे सरकारी स्तर पर पुष्टि मिली। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का यह दखल वैश्विक कूटनीति में अमेरिका की सक्रियता का संकेत है, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट किया है कि उसने कोई भी फैसला अमेरिका के दबाव में नहीं बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर किया है।
भारत-पाक संघर्षविराम को लेकर भारत सरकार का बड़ा निर्णय
भारत सरकार ने इस संघर्षविराम की पुष्टि करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, अगर भारत में भविष्य में कोई आतंकी हमला होता है तो उसे सीधे तौर पर युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इसका अर्थ है कि भारत अब आतंक के खिलाफ जवाबी कार्रवाई को वैध सैन्य उत्तर मानेगा। इस रणनीतिक बदलाव से स्पष्ट है कि भारत अब किसी भी आतंकवादी घटना को सिर्फ सुरक्षा या कानून-व्यवस्था का मामला नहीं मानेगा, बल्कि इसे आक्रामक तरीके से निपटाएगा।
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भारत-पाक संघर्षविराम पर डीजीएमओ स्तर की बातचीत बनी आधार
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने भारतीय डीजीएमओ को फोन किया और संघर्षविराम की पहल की। दोनों पक्षों में सहमति बनी कि भारतीय मानक समयानुसार शाम 5 बजे से सभी सैन्य गतिविधियां जमीन, हवा और समुद्र पर विराम लगेगा। यह स्पष्ट किया गया कि यह वार्ता केवल संघर्षविराम तक सीमित रही और किसी अन्य मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
भारत-पाक संघर्षविराम पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी की प्रतिक्रिया
पूर्व पुलिस महानिदेशक शेष पॉल वैद ने कहा कि भारत ने संघर्ष विराम के लिए सख्त शर्तें रखी हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई अब युद्ध मानी जाएगी। भारत किसी भी देश के खिलाफ आक्रामक नीति नहीं रखता, लेकिन आत्मरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उसकी प्राथमिकता अब शांति और विकास है।
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एआइआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि पाकिस्तान धर्म के नाम पर भारत का विभाजन चाहता है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान यह भूल जाता है कि भारत में 23 करोड़ मुसलमान हैं, जिनके पूर्वजों ने जिन्ना की ‘टू नेशन थ्योरी’ को नकार दिया था।’ उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान का डीप स्टेट इस्लाम का मुखौटा पहनकर अपनी अवैध गतिविधियों को छिपाता आया है।
संघर्षविराम से पहले नापाक हरकतें और भारत का जवाब
भारत-पाक संघर्षविराम से पूर्व पाकिस्तान द्वारा की गई ताजा कार्रवाइयों में जम्मू-कश्मीर, अमृतसर और राजस्थान बॉर्डर पर हमले शामिल हैं। भारत ने इसका सख्त जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिससे पाकिस्तान बौखला गया। पाक मीडिया ने दावा किया कि भारत ने उसके तीन एयरबेस को निशाना बनाया। हालांकि भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सीमा पर चुप्पी यह संकेत देती है कि भारत ने रणनीतिक बढ़त हासिल की है।

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