Saturday, June 14, 2025
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चीन-तुर्की के खिलाफ भारत की डिजिटल स्ट्राइक!

भारत ने दिखाई सख्ती, डिजिटल स्ट्राइक से दहले विरोधी

बैन किए फेक न्यूज़ फैलाने वाले स्टेट मीडिया के सोशल अकाउंट्स

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। पाकिस्तान के बाद भारत ने एक बार फिर चीन-तुर्की के खिलाफ डिजिटल स्ट्राइक किया है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने डिजिटल स्ट्राइक के माध्यम से चीन और तुर्की को कड़ा संदेश दिया है। दोनों देशों की स्टेट मीडिया द्वारा भारत के खिलाफ भ्रामक प्रचार और फेक न्यूज़ फैलाने की घटनाओं के बाद भारत सरकार ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्रतिबंधित कर दिया है।

डिजिटल स्ट्राइक: फेक न्यूज पर करारी चोट
पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ तुर्की के ड्रोन और चीन की मिसाइलों का उपयोग करने के बाद चीन और तुर्की के न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारत विरोधी प्रचार तेज हो गया था। ये प्रचार अभियान भारत की साख और जनता के मनोबल को गिराने के उद्देश्य से चलाए जा रहे थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक की रणनीति अपनाते हुए चीन और तुर्की की सरकारी मीडिया संस्थाओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स को बैन कर दिया है।

डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन
डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन

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राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाया आधार
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बताया है। मंत्रालय के मुताबिक, चीन और तुर्की की स्टेट मीडिया लगातार भारत के सैन्य अभियानों, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’, के बारे में झूठी और गुमराह करने वाली खबरें फैला रही थीं।

डिजिटल स्ट्राइक की इस कार्रवाई के बाद सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैन किए गए सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राफेल फाइटर जेट को गिराने, भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय करने, और पाकिस्तान को रणनीतिक बढ़त मिलने जैसी पूरी तरह से मनगढ़ंत खबरें फैलाई जा रही थीं। ये खबरें न केवल भारत की रक्षा नीति को लेकर भ्रम फैलाती थीं, बल्कि भारत की आंतरिक शांति और विदेश नीति को भी प्रभावित कर रही थीं।

सतर्कता के बावजूद जारी रहा फेक अभियान
भारत सरकार की ओर से पहले भी चीन और तुर्की को चेतावनी दी गई थी कि वे अपने मीडिया संस्थानों को निर्देश दें कि किसी भी खबर को प्रसारित करने से पहले उसके तथ्यों की पुष्टि करें। मगर बार-बार आगाह करने के बावजूद इन देशों की स्टेट मीडिया ने डिजिटल स्ट्राइक जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर फर्जी खबरों का सिलसिला नहीं रोका। ऐसे में भारत सरकार के पास इन अकाउंट्स को बैन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा।

डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन
डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन

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डिजिटल स्ट्राइक से अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की स्थिति मजबूत
भारत की इस डिजिटल कार्रवाई ने न केवल देश के भीतर फेक न्यूज़ पर लगाम कसने का कार्य किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी यह संदेश स्पष्ट किया है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ किसी भी किस्म का समझौता नहीं करेगा।
यह डिजिटल स्ट्राइक न केवल साइबर सुरक्षा का प्रश्न है, बल्कि यह एक प्रकार से संप्रभुता और सूचना युद्ध का नया अध्याय भी है। चीन और तुर्की की दुष्प्रचार नीति को जिस सख्ती से भारत ने जवाब दिया है, वह आने वाले समय में अन्य देशों के लिए भी उदाहरण बनेगा।

आने वाले दिनों में और भी हो सकते हैं कड़े फैसले
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार फेक न्यूज़ फैलाने वाले विदेशी मीडिया संस्थानों पर निगरानी और तेज करने जा रही है। भविष्य में यदि अन्य देशों द्वारा भी इसी तरह का दुष्प्रचार किया गया तो उन पर भी डिजिटल स्ट्राइक के तहत कार्रवाई हो सकती है। भारत की यह नीति स्पष्ट है कि किसी भी मंच पर, किसी भी देश के द्वारा फैलाई जा रही अफवाहें, भारत की सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करेंगी तो सरकार उन्हें जवाब देने से पीछे नहीं हटेगी।

डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन
डिजिटल स्ट्राइक के तहत भारत द्वारा चीन-तुर्की पर एक्शन

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