Saturday, June 14, 2025
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Gonda News : गड्ढे में 3 बच्चों की डूबकर मौत, गांव में मातम

नहर की पटरी ठीक कराने के लिए खोदा गया था गड्ढा–तहसीलदार

बच्चों की डूबकर मौत ने छीन ली तीन घरों की खुशियां, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। जिले के परसपुर थाने में रविवार को दोपहर बाद तीन बच्चों की डूबकर मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना से पूरे क्षेत्र में मातम फैल गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बच्चों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार को नियमानुसार अहेतुक सहायता प्रदान की जाएगी। अपर पुलिस अधीक्षक राधेश्याम राय ने आज यहां यह जानकारी दी।

बच्चों की डूबकर मौत के पीछे लापरवाही बड़ा कारण
जान गंवाने वाले बच्चों में जिलेदार का 9 वर्षीय पुत्र निगम उर्फ राजा बाबू, दयाशंकर का 10 वर्षीय बेटा राजन और रामनरेश का 10 वर्षीय बेटा राम शामिल हैं। तीनों गहरे दोस्त थे और भीषण गर्मी में घर के पास बने पानी से भरे गड्ढे में नहाने चले गए थे। लेकिन गड्ढे की गहराई उनकी जान ले बैठी। यह हादसा उनके घर से महज 200 मीटर की दूरी पर हुआ। बच्चों की डूबकर मौत को लेकर गांव में गहरी नाराजगी और दुख का माहौल है।

अपर पुलिस अधीक्षक राधेश्याम राय

भाई ने तड़पते देखा, पर नहीं बचा सका
निगम के बड़े भाई आकाश ने घटना के बारे में बताया, मैं गाय को पानी पिलाने गया था। तीनों बच्चे नहर के पास नहा रहे थे। तभी मैंने देखा कि वे हाथ हिला रहे हैं, जैसे मदद मांग रहे हों। मैंने दौड़कर उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वे डूब चुके थे। आकाश ने जैसे-तैसे दौड़कर गांव में सूचना दी। दो अन्य ग्रामीणों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था। बच्चों की डूबकर मौत की यह कहानी किसी भी संवेदनशील इंसान को विचलित कर सकती है।

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माताओं का करुण विलाप
निगम की मां चंदन देवी ने कहा, मैं घर पर थी, मुझे नहीं पता था कि बेटा नहाने गया है। मेरा बड़ा बेटा दौड़कर आया और बताया कि निगम डूब गया है। निगम मेरा सबसे छोटा बेटा था। पति का निधन पहले ही हो चुका है। मैं टूट गई हूं। राजा की मां कंचन देवी ने बिलखते हुए कहा, बेटा खेलने गया था, मुझे कुछ नहीं पता था। गांव में शोर मचा तो दौड़कर गई। तब तक सब खत्म हो चुका था।

बच्चों की डूबकर मौत के बाद घटनास्थल पर जुटी भीड़
बच्चों की डूबकर मौत के बाद घटनास्थल पर गांव वालों की भीड़

बच्चों की डूबकर मौत की घटना को टाला जा सकता था
स्थानीय लोगों के हवाले से कर्नलगंज की तहसीलदार ने बताया कि खेत के पास जो गड्ढा बना है, वह नहर विभाग द्वारा पटरी की मरम्मत के लिए खुदवाया गया था, लेकिन उसे ढंका नहीं गया। यही गड्ढा मौत का गड्ढा बन गया। किसी ने कभी यह सोचने की जहमत नहीं उठाई कि बच्चे उस ओर भी जा सकते हैं। बच्चों की डूबकर मौत की जिम्मेदारी आखिर किसकी है?

पुलिस ने कहा-डूबने से हुई मौत, जांच जारी
परसपुर थाना प्रभारी तेज प्रताप सिंह ने बताया कि तीनों बच्चों की मौत पानी में डूबने से हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन और आपदा विभाग को सूचना दे दी गई है। अब यह जांच का विषय है कि किसकी लापरवाही से यह बच्चों की डूबकर मौत हुई।

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बच्चों की डूबकर मौत की पुनरावृत्ति रोकी जाए
राजन के पिता दयाशंकर की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। राम के पिता मेहनत-मजदूरी और खेती कर परिवार चलाते हैं। तीनों परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय है। गांव में अब हर गली से रोने की आवाजें आ रही हैं। बच्चों की डूबकर मौत ने न केवल तीन परिवारों, बल्कि पूरे गांव की आत्मा को झकझोर दिया है।

प्रशासन से मांगः असुरक्षित गड्ढों को भरें
गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर किनारे बने सभी गहरे गड्ढों को तत्काल भरा जाए। चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और नियमित निगरानी हो ताकि ऐसी बच्चों की डूबकर मौत की घटनाओं से बचा जा सके। वरना हर गर्मी में ऐसी त्रासदी दोहराई जाती रहेगी।

गोंडा जिले में बच्चों की मौत के बाद जांच करती पुलिस टीम
हादसे में मृत तीनों मासूम के चित्र

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