अधिवक्ता से भू-माफिया बने बृजेश अवस्थी के विरुद्ध दर्ज थे 43 मुकदमे
संवाददाता
गोंडा। यूपी के बस्ती जिला जेल में बंद गोंडा के कुख्यात भू-माफिया बृजेश अवस्थी की मौत हो गई। बृजेश पर जमीन के फर्जी बैनामे और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों में गोंडा में 43 मुकदमे दर्ज थे। उनकी अचानक मृत्यु से जेल प्रशासन से लेकर जिले के अफसरों तक में हड़कंप मच गया।
पुलिस के अनुसार, बृजेश अवस्थी पेशे से वकील था तथा एक संगठित फर्जी रजिस्ट्री रैकेट का सरगना था। आरोप है कि वह न केवल आम जनता बल्कि अपने मुवक्किलों को भी फर्जीवाड़े में फंसा देता था। जमीनों पर कब्जा करने के लिए वह कई बार झूठे छेड़खानी और दुष्कर्म के केस भी दर्ज करवा देता था, जिससे जमीन के असली मालिक जेल में हों और वह उनकी संपत्ति हड़प ले।
2022 में हुई थी गिरफ्तारी, दर्ज थे 43 मुकदमे
एसआईटी की जांच में जब उसकी गतिविधियों का भंडाफोड़ हुआ, तब पुलिस ने 2022 में लखनऊ से उसे गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ गोंडा जिले के करनैलगंज, कोतवाली, परसपुर, तरबगंज समेत कई थानों में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के कुल 43 केस दर्ज थे।
गिरफ्तारी के बाद उसे गोंडा जेल में रखा गया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने 15 दिसंबर 2024 को उसे बस्ती जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया था। साथ ही उसके दो अन्य साथियों अनिल सिंह और राकेश त्रिपाठी को भी अलग-अलग जेलों में भेजा गया।
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जेल में बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में हुई मौत
बस्ती जिला जेल के जेल अधीक्षक एसपी मिश्रा के अनुसार बुधवार सुबह बृजेश अवस्थी को अचानक सीने में दर्द हुआ और उसे तेज पसीना आया। जेल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन सुबह करीब 10ः15 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जेल प्रशासन ने तुरंत इसकी सूचना जिला प्रशासन और मजिस्ट्रेट को दी। डीएम रवीश गुप्ता के आदेश पर नामित मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पंचनामा भरवाया गया और फिर पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
संपत्ति और रैकेट की जांच में जुटा प्रशासन
बृजेश अवस्थी की मौत के बाद अब प्रशासन उसकी संपत्तियों और अपराध से जुड़े नेटवर्क की दोबारा छानबीन कर रहा है। भू-माफिया की मौत के बावजूद पुलिस का कहना है कि फर्जी रजिस्ट्री रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। बृजेश की गिरफ्तारी के समय उसकी 5 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई थी।
इस घटना से गोंडा जिले के प्रशासनिक हलकों और कानूनी बिरादरी में चर्चा गर्म है। एक ओर जहां उसके पीड़ितों में कुछ लोग मौत को राहत के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल उठ रहा है कि जेल में इतना संगीन अपराधी कैसे अपनी गतिविधियों को अंजाम देता रहा। परिजनों के अनुसार, बृजेश ने जेल में अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी।
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