सपा की बुंदेलखंड में विजय रथ यात्रा में चोरों की चांदी

सम्भावित प्रत्याशी व उनके पिता समेत दो दर्जन से अधिक की जेब साफ

झांसी(हि. स.)। बुंदेलखंड में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विजय रथ यात्रा दौरान चोरों की चांदी रही। बांदा से लेकर झांसी तक विजय रथ यात्रा के दौरान चोरों ने अपने करतब दिखाए। किसी की जेब से मोबाइल तो किसी की जेब से हजारों रुपये चोरी हो गए। झांसी सदर विधानसभा क्षेत्र के संभावित उम्मीदवार व उनके पिता समेत करीब 2 दर्जन लोग अपनी पीड़ा सुनाने नवाबाद थाना पहुंचे।

विधानसभा चुनाव 2022 का शंखनाद हो चुका है। इसके लिए सबसे पहले बुंदेलखंड में अपने भतीजे से अलग हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने परिवर्तन रथ यात्रा का आयोजन करते हुए लोगों से जुड़ने का प्रयास किया। उसके बाद कांग्रेस में जान फूंकने का काम कर रही प्रियंका गांधी वाड्रा ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देते हुए रैलियों का आयोजन शुरू किया। यह देख सशक्त क्षेत्रीय दल कही जाने वाली समाजवादी पार्टी भला पीछे कैसे रह सकती थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2 चरणों में बुंदेलखंड में विजय रथ यात्रा का आयोजन किया।

दूसरे चरण में शुक्रवार को लक्ष्मी गार्डन से विजय रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ। यात्रा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इलाइट चौराहे पर अखिलेश का स्वागत करने के लिए खड़े थे। जैसे ही अखिलेश का रथ आया तो स्वागत की होड़ में धक्का-मुक्की हुई।जब रथ निकल गया, उसके बाद कार्यकर्ताओं ने अपनी जेबें देखीं तो सभी सन्न रह गए। दर्जनों लोगों के मोबाइल फोन व पर्स गायब हो चुके थे। बाद में यह सभी लोग नवाबाद थाने पहुँचे और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत करने वालों में सपा से सदर विधानसभा के संभावित उम्मीदवार आकाश यादव निवासी नई बस्ती का आइफोन, आशीष यादव ओरछा का फोन व रुपये, हिमांशु प्रेम नगर का फोन, कृष्णा नामदेव निवासी शिवाजी नगर का फोन, अमान खान व तारिक बिहारीपुरा का फोन, तौफीक , अनश मकरानी, जहीर, अनवर निवासीगण दतिया गेट के फोन व पर्स, यशेन्द्र यादव, राहुल बनगुवा का फोन,विजय यादव व अंकुश पूंछ का फोन, मयंक यादव,नरेंद्र झा व शानू यादव आदि ने पुलिस में शिकायत दी है।

आकाश यादव ने बताया कि जेब तो करीब 150 लोगों की कटी लेकिन लोग थाने तक आने से कतराते हैं। कुछ बदनामी नहीं चाहते। कुछ यही हाल बीते दिनों बुन्देलखण्ड के जिला महोबा व बांदा में आयोजित विजय रथ यात्रा में भी यही हाल रहा है। महोबा व बांदा में तो शिकायत भी हुई लेकिन ललितपुर व हमीरपुर में लोग थाने नहीं गए और मामला चर्चाओं तक सिमट कर रह गया।

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