पैथोलाजी संचालकों का जाल, निजी केंद्रों पर लुट रहे मरीज

रोहित कुमार गुप्ता
बलरामपुर : जनपद बलरामपुर में यूं तो संयुक्त जिला अस्पताल में जरूरी जांच मशीनें होने व बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई अलग है। अस्पताल में निजी पैथोलाजी संचालकों का वर्चस्व होने के कारण कभी मशीन खराबी तो कभी रसायन न होना बताकर मरीजों को निजी जांच केंद्रों पर भेजा जा रहा है।

चिकित्सक मोटे कमीशन की चाह में सुविधाएं होने पर भी खून व पेशाब की जांच बाहर कराने का परामर्श देते हैं। अल्ट्रासाउंड का भी कोई समय निश्चित न होने से मरीजों को निजी केंद्रों पर गाढ़ी कमाई लुटानी पड़ रही है। यही नहीं पैथोलाजी केंद्रों के गुर्गे तो दिन भर मरीजों का सैंपल लेने के लिए अस्पताल में घूमते रहते हैं। बिना पढ़ाई व प्रशिक्षण के ही सैंपल लेकर मरीजों की जिदगी खतरे में डाल रहे एक पैथोलाजी कर्मी को हाल ही में सीएमएस ने पकड़ा था, लेकिन दबाव के चलते छोड़ दिया गया।
कई माह से बंद है सीबीसी जांच :
मशीन खराब होने के कारण कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) जांच कई महीनों से बंद है। कमजोरी लगना,थकान, बुखार, वजन घटने, प्लेटलेट्स की संख्या जानने, एनीमिया, ल्यूकेमिया समेत 150 बीमारियों का पता लगाने के लिए चिकित्सक रोज 30 से 35 मरीजों को यह जांच लिखते हैं। ऐसे में निजी जांच केंद्रों पर मरीजों को जेब खाली कर देनी पड़ती है।
दो दिन से ठप है लिवर व किडनी फंक्शन टेस्ट : किडनी व लिवर फंक्शन टेस्ट भी दो दिन से बंद है। ऐसे में प्रतिदिन 15 से 20 मरीजों को बाहर जांच करानी पड़ती है। अजबनगर के अनिल वर्मा ने बताया कि एलएफटी व केएफटी में हजार रुपये खर्च हो जा रहे हैं। दूल्हनपुर की गीता ने बताया कि जांच में ही एक हजार रुपये खर्च हो गए। सीएमएस डा. प्रवीण कुमार ने बताया कि सीबीसी मशीन खराब होने से जांच नहीं हो पा रही है। नई मशीन मांग की है। एक दो दिन में रसायन आ जाएगा जिससे केएफटी व एलएएफटी जांच शुरू हो जाएगी।

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