दिल्ली सरकार ने पेश किया पहला बजट
स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर जोर
राज्य डेस्क
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राजधानी के लिए अपना पहला बजट पेश किया, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क मरम्मत जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। हालांकि, बजट की तुलना यदि पार्टी के तीन-चरणीय संकल्प पत्र या चुनावी घोषणाओं से की जाए, तो कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं में कमी महसूस की जा सकती है। इनमें प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति, होली और दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा, और गिग वर्कर्स व घरेलू कामगारों के लिए कल्याण बोर्ड व बीमा कवर जैसी योजनाओं का अभाव प्रमुख रूप से शामिल है।
बजट में प्रमुख प्रावधान और चुनौतियां
दिल्ली सरकार ने इस बजट में 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बजट की तुलना में 31% अधिक है। बजट की प्रमुख घोषणाओं में शामिल हैं:
स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को अतिरिक्त 5 लाख रुपये का बीमा कवर देने के लिए 2,144 करोड़ रुपये का आवंटन।
महिला कल्याण: महिला समृद्धि योजना के लिए 5,100 करोड़ रुपये, जिसके तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये दिए जाएंगे। गर्भवती महिलाओं के लिए 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, लेकिन पात्रता को लेकर स्पष्टता का अभाव है।
पर्यावरण: प्रदूषण नियंत्रण के लिए मात्र 300 करोड़ रुपये का आवंटन, जबकि कोई ठोस कार्ययोजना पेश नहीं की गई।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी): सड़कों और सीवेज सिस्टम के पुनर्विकास के लिए 6,897 करोड़ रुपये, जबकि कनेक्टिविटी सुधार के लिए 1,000 करोड़ रुपये और फ्लाईओवर व बुनियादी ढांचे के लिए 3,800 करोड़ रुपये का प्रावधान।
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यमुना सफाई: 40 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के विकेंद्रीकरण के लिए 500 करोड़ रुपये, साथ ही मौजूदा एसटीपी की मरम्मत के लिए 500 करोड़ रुपये और पुरानी सीवर लाइनों के उन्नयन के लिए 250 करोड़ रुपये। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन की स्पष्टता अभी नहीं है।
शिक्षा और परिवहन में बड़े बदलाव
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नई शिक्षा नीति के तहत ‘सीएम श्री स्कूल’ पहल की घोषणा की, जो पीएम श्री स्कूलों की तर्ज पर तैयार किए जाएंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, सभी सरकारी स्कूलों में 175 नई कंप्यूटर लैब स्थापित करने के लिए 50 करोड़ रुपये, जबकि स्मार्ट क्लास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करते हुए, सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा हेतु कॉमन पास लागू करने की घोषणा की, जो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से गुलाबी पास की जगह लेगा।
बजट की सीमाएं और भविष्य की चुनौतियां
हालांकि यह बजट कई लोकलुभावन योजनाओं के साथ पेश किया गया है, लेकिन कई चुनावी वादों को स्पष्टता की कमी के कारण अधूरा माना जा रहा है। यमुना सफाई की समयसीमा, महिला समृद्धि योजना की पात्रता, और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति की अनुपस्थिति दिल्ली सरकार के सामने प्रमुख चुनौतियां बनी रहेंगी।
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नम्र निवेदन
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