उप्र: विदेश से आने वाली गर्भवती महिलाओं को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से मिलेगी छूट

-घर के सदस्य की मौत और 10 साल से छोटे बच्चों के अभिभावक को भी छूट का शासनदेश जारी 

लखनऊ। केन्द्र सरकार के कोरोना को लेकर एकांतवास (क्वारंटाइन) की नई गाइडलाइन जारी करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इसमें परिवर्तन किया है। प्रदेश में इसके अनुरूप कुछ परिस्थितियों में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में छूट दी जाएगी। इसका शासनादेश जारी कर दिया है। 
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को बताया कि अभी तक ट्रेन और हवाई जहाज से बाहर से आने वाले लोग, अगर 07 दिन से अधिक की अवधि के लिए प्रदेश में आ रहे होते हैं, तो उन्हें 14 दिन के होम क्वारंटाइन यानी घरेल एकांतवास में रहना होता है। इसी तरह विदेश से आने वाले लोगों को सर्वप्रथम 07 दिन के ​इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन, पेड या सरकारी में और फिर 07 दिन के घरेलू एकांतवास में रहना होता है।
अब नई गाइडलाइन में कुछ परिवर्तन किया गया है। इसके तहत कुछ परिस्थितियों में विदेश से आने वाले लोगों को पहले 07 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से छूट दी जा सकती है और वह पूरे 14 दिन घरेलू एकांतवास में रह सकते हैं। ये छूट गर्भवती महिलाओं, अगर किसी के घर में मृत्यु हुई है और वह विदेश लौटा है तो उसे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में छूट दी जा सकती है। इसी तरह गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति और 10 साल से छोटे बच्चों के अभिभावक को भी जिला प्रशासन द्वारा छूट दी जा सकती है। 
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इसके साथ ही विदेश यात्रा प्रारम्भ करने से पूर्व के 96 घंटे में किसी व्यक्ति का आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आता है, तो उसके सर्टिफिकेट के आधार पर उसे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन से छूट दी मिल सकती है।
वहीं ट्रेन और विमान से आने के बाद जो लोग सात दिन के अन्दर वापस नहीं जा रहे हैं, तो अब तक उनके 14 दिन के घरेलू एकांतवास का नियम था। लेकिन, अब कुछ लोग जो प्रदेश के निवासी हैं और किसी काम से उन्हें दूसरे राज्य जाना पड़ता है, तो उनकी दिक्कतों को देखते हुए इसमें भी संशोधन किया गया है। अब ऐसा व्यक्ति अगर पांच दिन के भीतर प्रदेश में लौट रहा है, और लक्षणविहीन है तो उसे एकांतवास में रहने की जरूरत नहीं होगी। अगर वह लक्षणयुक्त है तो घरेलू एकांतवास में रहकर जांच करानी होगी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा। वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर 14 दिन के घरेलू एकांंतवास में रहना पड़ेगा।  

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