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आईयूएमएल ने नागरिकता संशोधन कानून नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, 19 मार्च को सुनवाई

नई दिल्ली (हि.स.)। नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से रोकने की मांग का मामला आज सुप्रीम कोर्ट में उठा। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में है और सरकार ने इसे लागू कर दिया। उसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया।

आईयूएमएल के अलावा एक याचिका डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने दायर की है। याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से रोकने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर आप्रवासियों को नागरिकता देने का कानून धर्मनिरपेक्षता के मौलिक सिद्धांत का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के जरिये पहली बार देश में धर्म के आधार पर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अवैध आप्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन है।

आईयूएमएल ने याचिका में कहा है कि यह नागरिकता संशोधन कानून असंवैधानिक और मुसलमानों के खिलाफ है। यह कानून भेदभाव पूर्ण है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन को आईयूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

संजय/मुकुंद

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