प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने के क्रम में सुआंव नदी का किया निरीक्षण
स्थानीय लोगों की जिंदगी का हिस्सा है सुआंव, इसका संरक्षण जरूरी-पवन अग्रवाल
अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। सुआंव नदी के संरक्षण के लिए जिला प्रशासन गंभीर हो गया है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा है कि नदी के साफ-सफाई और संरक्षण के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें। साथ ही नदी के तट पर स्थित सभी पोखरों और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए भी काम शुरू किया जाए। वह मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गुप्ता के साथ सुआंव नदी का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
श्रावस्ती जिले की सीमा पर स्थित ग्राम गोपियापुर से निकलने वाली सुआंव नदी के निरीक्षण के क्रम में डीएम पवन अग्रवाल ग्राम गिदरहैया और भीखपुर भी पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बनाया है। इसलिए हमें शासन की मंशा के अनुरूप नदी नालों के संरक्षण और सम्बर्द्धन के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नदी के जीर्णोद्धार, तटों के सौंदर्यीकरण, और वृक्षारोपण के लिए आवश्यक कार्ययोजना बनाई जाए। निरीक्षण के साथ प्रभागीय वनाधिकारी, अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड, डीसी मनरेगा सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
संरक्षण के लिए विशेष उपाय
डीएम पवन अग्रवाल ने नदी के कैचमेंट एरिया की सुरक्षा के लिए पिलर लगाने का निर्देश अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड को दिया, ताकि नदी के जलग्रहण क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाया जा सके। साथ ही, उन्होंने नदी के किनारे वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए भी दिशानिर्देश दिए, जिससे मिट्टी का कटाव रोका जा सके और पर्यावरण को संतुलित रखा जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि सुआंव नदी का संरक्षण न केवल जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाएगा। नदी के तटों का सौंदर्यीकरण इसे पर्यटन के लिए भी आकर्षक बना सकता है।
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सुआंव नदी का महत्व
सुआंव नदी बलरामपुर जिले की एक महत्वपूर्ण जल धारा है, जो स्थानीय लोगों के लिए कृषि, पेयजल, और दैनिक आवश्यकताओं का प्रमुख स्रोत है। यह नदी श्रावस्ती जिले की सीमा से शुरू होकर जिले के कई गांवों से होकर गुजरती है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में प्रदूषण, अतिक्रमण, और जलस्तर में कमी के कारण नदी की स्थिति चिंताजनक हो गई थी। डीएम के इस प्रयास को स्थानीय लोगों ने सराहा है और इसे नदी के पुनर्जनन की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस से प्रेरणा
आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है। इस अभियान के तहत नदियों की साफ-सफाई, प्रदूषण नियंत्रण, और जल संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। बलरामपुर जिले में सुआंव नदी के लिए उठाए जा रहे कदम इस अभियान का हिस्सा हैं। डीएम ने कहा कि इस अवसर पर जिले में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
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सरकार की अन्य योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें नमामि गंगे परियोजना प्रमुख है। इस परियोजना के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। सुआंव नदी के संरक्षण के लिए भी इसी तरह की प्रतिबद्धता दिखाई जा रही है। डीएम पवन अग्रवाल ने कहा कि नदी के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यह अभियान दीर्घकालिक रूप से सफल हो सके।

तैयार की जाएगी नई कार्ययोजना
डीएम के निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों ने सुआंव नदी के संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना में नदी की साफ-सफाई, तटों का सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण, और जलग्रहण क्षेत्र की सुरक्षा जैसे कदम शामिल होंगे। इसके अलावा, नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी उपाय किए जाएंगे।
समझा जाता है कि इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि बलरामपुर जिले में जल संकट की समस्या से भी निपटा जा सकेगा। डीएम पवन अग्रवाल के नेतृत्व में जिला प्रशासन इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। उम्मीद है कि इन प्रयासों से सुआंव नदी का पुराना वैभव लौटेगा और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी साबित होगी।
तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ने की किया था अभिनव पहल
बताते चलें कि करीब एक वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने सुआंव नदी के संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार की थी। उन्होंने सुआंव के दोनों तरफ 50 मीटर की चौड़ाई में धारा 144 लागू करने की बात कही थी। साथ ही किसी भी प्रकार के प्लाटिंग करने और निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी।

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