Monday, June 16, 2025
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UP News : सिपाही की हत्या कर भीड़ ने साथी को छुड़ाया

गाजियाबाद में वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान हिंसक हुई भीड़

घटना में उप्र पुलिस के कांस्टेबल सौरभ देशवाल की मौत, अन्य पुलिस कर्मी बाल-बाल बचे

जानकी शरण द्विवेदी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में रविवार देर रात हुई एक हिंसक घटना में सिपाही की हत्या ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। नोएडा और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम जब एक वांछित अपराधी को गिरफ्तार करने पहुंची, तब ग्रामीणों की भीड़ ने उन पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल सौरभ देशवाल की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि अन्य पुलिस कर्मी बाल-बाल बचे। नोएडा पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह भी गाजियाबाद पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।

घटनाक्रम : गिरफ्तारी से हमला तक
डीसीपी ग्रामीण सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने बताया कि सिपाही की हत्या की घटना गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव की है। नोएडा के फेस-3 थाने की क्राइम ब्रांच और गाजियाबाद की मसूरी पुलिस को लंबे समय से वांछित अपराधी कादिर उर्फ मंटा की तलाश थी। रविवार को पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि कादिर अपने गांव नाहल में मौजूद है। इस पर एक संयुक्त टीम ने देर रात गांव में दबिश दी और कादिर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के तुरंत बाद जैसे ही पुलिस उसे लेकर गांव से बाहर निकल रही थी, पंचायत भवन के पास अचानक 40-50 लोगों की भीड़ ने रास्ता रोक लिया। पहले पथराव शुरू हुआ और फिर भीड़ में से कुछ लोग हथियारों से लैस होकर गोलियां चलाने लगे।

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कांस्टेबल सौरभ देशवाल की शहादत
डीसीपी के अनुसार, हमले में कांस्टेबल सौरभ देशवाल को गोली सिर में लगी। साथी पुलिसकर्मी तुरंत उन्हें पास के यशोदा अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से शामली जिले के निवासी सौरभ 2020 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे और नोएडा में तैनात थे। उनके पिता भी सेना से रिटायर हैं। सिपाही की हत्या के बाद परिवार को गहरा सदमा लगा है। शामली में उनके पैतृक गांव में मातम पसरा है। अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

सिपाही की हत्या के बारे में जानकारी देते डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी
सिपाही की हत्या के बारे में जानकारी देते डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी

घटना के बाद की पुलिस कार्रवाई
सिपाही की हत्या की सूचना मिलते ही गाजियाबाद व नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। भागने की कोशिश कर रहे कादिर को फिर से पकड़ा गया। मसूरी थाने में सिपाही की हत्या के मामले में सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो और चश्मदीदों के बयान के आधार पर हमले में शामिल अन्य लोगों की पहचान शुरू कर दी है। अब तक चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जबकि गांव में सर्च ऑपरेशन जारी है।

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कादिर उर्फ मंटाः एक आदतन अपराधी
डीसीपी ने बताया कि कादिर उर्फ मंटा के खिलाफ हत्या, लूट, बलवा और अवैध हथियार रखने जैसे करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। वह नोएडा और गाजियाबाद में गैंग सक्रियता में शामिल रहा है। पुलिस को संदेह है कि इस हमले की साजिश पहले से रची गई थी, ताकि गिरफ्तारी को रोका जा सके। घटना के बाद मौके से भाग रहे कादिर को पुलिस ने घेर कर पकड़ लिया है।

कानून व्यवस्था पर प्रश्न
सिपाही की हत्या के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैंः वांछित अपराधियों को ग्रामीण स्तर पर संरक्षण क्यों मिल रहा है? पुलिस की टीम को पर्याप्त सुरक्षा और बैकअप क्यों नहीं मिला? क्या गांवों में पुलिस के प्रति बढ़ती असहिष्णुता राज्यव्यापी समस्या बन रही है?

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गाजियाबाद में वांछित की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस पर हमला
सिपाही की हत्या से पूर्व पुलिस हिरासत में बदमाश कादिर

मुख्यमंत्री ने दिया सख्त कार्रवाई के निर्देश
इस बीच वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस घटना को किसी भी हाल में हल्के में नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कांस्टेबल की शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए दोषियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

सौरभ की शहादत और पुलिस बल का मनोबल
वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान सिपाही की हत्या की घटना पुलिस बल के लिए एक बड़ी क्षति है। सौरभ देशवाल जैसे जवानों की शहादत यह दर्शाती है कि पुलिस किस प्रकार जान हथेली पर रखकर कार्य करती है। गाजियाबाद की इस घटना ने साफ कर दिया है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और उन्हें सामाजिक समर्थन भी मिल रहा है। यदि ऐसे हमलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो पुलिस बल का मनोबल टूट सकता है। सौरभ देशवाल जैसे सपूतों की शहादत को व्यर्थ न जाने देना सरकार और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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