दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन नियम के तहत आदेश जारी
सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने की आशंका के तहत दिया गया मणिपुर इंटरनेट बंद आदेश
राज्य डेस्क
इंफाल। मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है। मणिपुर इंटरनेट बंद आदेश के तहत इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में 7 जून की रात 11ः45 बजे से अगले पांच दिनों तक मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड, वीपीएन और वीसेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
यह निर्णय राज्य के गृह विभाग द्वारा लिया गया है। आदेश गृह विभाग के आयुक्त-सह-सचिव एन अशोक कुमार द्वारा हस्ताक्षरित किया गया है। इसके तहत दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन नियम, 2017 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग किया गया है।
सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने की आशंका, ‘मणिपुर इंटरनेट बंद’ निर्णय जरूरी
सरकार का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सकते हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ सामग्री, आपत्तिजनक चित्र, घृणास्पद वीडियो संदेश और अफवाहें फैलाकर आम जनता को भड़काने की कोशिश कर सकते हैं। इससे राज्य में तनाव बढ़ सकता है और सांप्रदायिक सौहार्द को क्षति पहुंच सकती है।
मणिपुर इंटरनेट बंद का यह फैसला इन्हीं आशंकाओं के चलते लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियों से जन और निजी संपत्तियों को नुकसान, भीड़ हिंसा, अशांति और जनजीवन पर संकट उत्पन्न हो सकता है।
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जन सुरक्षा और कानून व्यवस्था सर्वोपरि
मणिपुर सरकार का स्पष्ट मत है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर होने वाले गलत सूचना के प्रवाह को रोकना आवश्यक हो गया है। ‘मणिपुर इंटरनेट बंद’ आदेश में यह भी कहा गया है कि बल्क एसएमएस, मोबाइल मैसेजिंग ऐप्स और डोंगल सेवाओं के माध्यम से भीड़ को संगठित करने या हिंसा फैलाने की कोशिशें हो सकती हैं। इससे सरकारी और निजी सम्पत्तियों को नुकसान, लोगों की जान पर खतरा और शांति भंग होने की आशंका है।
वीपीएन और वीसेट सेवाएं भी प्रतिबंधित
अधिकारियों ने बताया कि केवल सामान्य इंटरनेट सेवाएं ही नहीं बल्कि वीपीएन, वीसेट और डोंगल आधारित सेवाएं भी ‘मणिपुर इंटरनेट बंद’ के अंतर्गत आएंगी। किसी भी सेवा को तब तक अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक राज्य सरकार उसकी श्वेतसूचि (whitelist) में सम्मिलित नहीं करती।
पांच दिनों की पूरी पाबंदी, सिर्फ आवश्यक सेवाएं मुक्त
यह निलंबन 7 जून की रात 11ः45 बजे से प्रभावी हुआ है और यह कम से कम पांच दिनों तक प्रभावी रहेगा। केवल उन सेवाओं को इससे छूट दी गई है, जिन्हें राज्य सरकार आवश्यक मानते हुए whitelist करेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि यह प्रतिबंध आवश्यक सुरक्षा उपायों का हिस्सा है और इससे पहले मणिपुर इंटरनेट बंद जैसी कार्रवाई हालात बिगड़ने की आशंका के तहत कई बार की जा चुकी है।
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राज्य पहले भी कर चुका है इंटरनेट निलंबन
मणिपुर राज्य इससे पहले भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर चुका है। वर्ष 2023 और 2024 में भी राज्य ने कानून-व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के लिए कई बार ‘मणिपुर इंटरनेट बंद’ का फैसला लिया था। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अस्थायी तौर पर भले ही जनसंचार पर असर डालता हो, लेकिन कई बार यही निर्णय हिंसा को रोकने और शांति बनाए रखने का एकमात्र विकल्प रह जाता है।
राजनीतिक और तकनीकी गलियारों में बहस जारी
हालांकि सरकार ने ‘मणिपुर इंटरनेट बंद’ को शांति और सुरक्षा की आवश्यकता बताया है, लेकिन कई सिविल राइट्स समूह और डिजिटल अधिकार संगठन इस पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका मानना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रभावित होती है और लोगों का डिजिटल जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। राज्य सरकार का पक्ष है कि जब सामाजिक सौहार्द और जान-माल की रक्षा की बात हो, तब कड़ा कदम आवश्यक हो जाता है।
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