Gonda News : खीर खिलाकर बच्चों का हुआ अन्नप्राशन

माताओं को नवजात शिशुओं के उचित देखरेख की टिप्स दे रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत नवजात बच्चों की देखरेख की सही जानकारी माताओं को दी जा रही है। छह माह की आयु पूरी करने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी ठोस आहार देना भी जरूरी हो जाता है। जन समुदाय में यह सन्देश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा छह माह की आयु पार कर चुके बच्चों का अन्नप्राशन कराकर दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माताओं को ऊपरी आहार के बारे में न केवल जानकारी दे रही हैं, बल्कि इसे तैयार करने का तरीका भी बता रही हैं। कोविड-19 के चलते इस समय आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस नहीं मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में रुपईडीह ब्लॉक के बेलवा बाजार में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) नीतू रावत द्वारा छः माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों के घर जाकर उनका अन्नप्राशन कराया गया। इस दौरान माताओं को अन्नप्राशन संस्कार के मायने भी विस्तार से बताए। सीडीपीओ ने बताया कि छः माह के बच्चों को ऊपरी ठोस आहार देना, उनके संपूर्ण मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी होता है। छः माह की आयु पूरी करने पर केवल स्तनपान से बच्चे को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। साथ ही उन्होंने माताओं को बताया कि स्तनपान कराने के लिए अपने खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है। मातायें आयरन और कैल्शियम युक्त भोजन लें। इसके लिए उन्हें अपने भोजन में दालें, चना या भुना हुआ, गुड़ और हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा दूध और दही शामिल करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक की सलाह पर आयरन और कैल्शियम के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं। जब भी बच्चा भूखा होने का संकेत करे, तो उसे अपना दूध पिलाएं। ऊपरी आहार शुरू करने पर शुरू में दो से तीन चम्मच नरम भोजन जैसे दलिया, ठीक से मसली हुई सब्जी या दाल, रोजाना दो से तीन बार दें द्य ध्यान रहे कि ऊपरी अर्द्ध ठोस आहार की शुरुआत दोपहर को करें। दोपहर को बच्चे के लिए इसे पचाना आसान रहता है और दिन में ठोस आहार तैयार करने में भी सुविधा रहती है। मौसमी सब्जियों और फलों को शिशु के आहार में शामिल करना न भूलें। खिलाने से पहले बीज और छिलका अच्छे से निकाल दें। ध्यान रहे कि शिशु का आहार तैयार करते समय मसाले का प्रयोग न करें। साफ.सफाई का पूरा ध्यान रखें। खिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन-पानी से साफ करना न भूलें। इस मौके पर सीडीपीओ द्वारा छः माह की आयु पूरी कर चुके एक बच्चे का अन्नप्राशन व एक गर्भवती महिला की गोदभराई पूरे रश्मो रिवाज के साथ मंगलगीत गाकर की गई। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चों के घर जाकर उनका अन्नप्राशन जरूर करा रही हैं। इसके साथ ही ऐसे बच्चों की माताओं को बताया जा रहा है कि ऊपरी ठोस आहार शुरू करने के साथ-साथ स्तनपान भी दो वर्ष तक जारी रखना जरूरी है।

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