Tuesday, July 15, 2025
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फैक्ट्री में आग से मची तबाही! 4 मजदूर जिंदा जले

दमकल की 16 गाड़ियों ने घंटों बाद पाया फैक्ट्री में आग पर काबू

पॉलिथीन बनाने की फैक्ट्री में आग से हुआ लाखों के कच्चे माल का नुकसान

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास मंगलवार शाम को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक तीन मंजिला इमारत से धुएं के काले गुबार उठने लगे। दरअसल, यह इमारत एक पॉलिथीन बनाने वाली यूनिट थी, जिसमें भीषण फैक्ट्री में आग लग गई। दमकल विभाग की 16 गाड़ियों ने करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं।

तेजी से फैली आग, चारों ओर चीख-पुकार
दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने जानकारी दी कि फैक्ट्री में आग की सूचना उन्हें मंगलवार शाम करीब 7ः25 बजे मिली। जब फायर यूनिट मौके पर पहुंची तो देखा कि पूरी फैक्ट्री आग की लपटों में घिरी हुई है। अंदर काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई थी। कुछ मजदूर खिड़की और पिछली दीवार तोड़कर जान बचाने में सफल रहे, लेकिन चार लोग अंदर फंस गए और उनकी मौत हो गई।

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प्लास्टिक सामग्री ने दी आग को हवा
फायर डिपार्टमेंट की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, फैक्ट्री में आग तेजी से फैलने का कारण फैक्ट्री में रखा गया भारी मात्रा में प्लास्टिक का सामान था। प्लास्टिक अत्यधिक ज्वलनशील होता है और जब तक पानी की बौछारें पड़तीं, तब तक आग ने पूरी इमारत को चपेट में ले लिया। इस दुर्घटना से यह साफ हो गया कि अग्नि सुरक्षा मानकों की अनदेखी एक बार फिर कई जिंदगियों पर भारी पड़ी।

अब तक नहीं मिला आग लगने का कारण
दमकल विभाग और पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि फैक्ट्री में आग कैसे लगी। शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन सटीक कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा। यह भी जाँच का विषय है कि क्या फैक्ट्री के पास फायर एनओसी थी और क्या उसमें आपात निकासी के पर्याप्त प्रबंध थे।

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फैक्ट्री में आग से मची तबाही! 4 मजदूर जिंदा जले

तीसरी मंजिल तक नहीं पहुंच सके दमकल कर्मी
डिविजनल फायर ऑफिसर ए.के. जायसवाल ने बताया कि आग इतनी भयावह थी कि तीसरी मंजिल तक पहुंचना लगभग असंभव था। दमकल कर्मी सिर्फ ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर तक ही सीमित रह गए, जिससे कई लोगों को रेस्क्यू नहीं किया जा सका। फैक्ट्री में आग के दौरान उठते धुएं और गैस के कारण दमकल कर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी।

स्थानीय लोगों में आक्रोश, प्रशासन पर सवाल
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि यह फैक्ट्री में आग कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है। फैक्ट्री रिहायशी क्षेत्र में स्थित थी और किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। आग बुझाने के लिए न तो फैक्ट्री में इंटरनल फायर सिस्टम था और न ही फायर अलार्म।

सरकारी मुआवजे और जांच के आदेश
दिल्ली सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि फैक्ट्री में आग में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा और दोषी फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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