कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किए जाने से उठा विवाद, विपक्ष ने जताया तीखा विरोध
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। देश में आपातकाल लगाए जाने की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव और ’संविधान हत्या दिवस’ मनाने के ऐलान से राष्ट्रीय राजनीति में उबाल आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दो मिनट का मौन रखकर प्रस्ताव पारित किया गया। इस बीच भाजपा ने मीसा बंदियों को सम्मानित करने की घोषणा की है, तो विपक्ष ने इस कदम को ’राजनीतिक पाखंड’ और ’मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने का हथकंडा’ करार दिया है।
कैबिनेट में पास हुआ प्रस्ताव, विपक्ष में उभरा आक्रोश
25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लेकर भाजपा अब ’संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद कर रही है। कैबिनेट बैठक में दो मिनट का मौन रखते हुए इस दिवस को ‘लोकतंत्र पर काले अध्याय’ के रूप में चिह्नित किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ‘अन्यायकाल’ कहकर संबोधित किया। भाजपा का दावा है कि युवाओं को आपातकाल के इतिहास की जानकारी देने के लिए यह कार्यक्रम ज़रूरी है।
‘तानाशाही का प्रतीक था आपातकाल’, बोले नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आपातकाल का दौर देश की स्वतंत्रता और संविधान के लिए सबसे दुखद समय था। उन्होंने इसे इंदिरा गांधी सरकार की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि 25 जून, 1975 को लागू आपातकाल लोकतंत्र पर गहरा धब्बा था।
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कांग्रेस का पलटवारः आज देश में अघोषित आपातकाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार आज खुद अघोषित आपातकाल चला रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं की धज्जियां उड़ा रही है और ’संविधान बचाओ यात्रा’ से घबराकर अब अतीत के सहारे राजनीति करना चाह रही है।
केरल से कड़ा हमला, ‘संघ परिवार कर रहा संविधान का क्षरण’
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि देश अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है। उन्होंने संघ परिवार पर आरोप लगाया कि वे लोकतंत्र के स्तंभों को धीरे-धीरे खत्म कर रहे हैं। विजयन ने 1975 के आपातकाल को काले इतिहास का हिस्सा बताते हुए भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
भाजपा का तर्कः युवाओं को बताना जरूरी है सच्चाई
गोवा, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित भाजपा शासित राज्यों में ‘संविधान हत्या दिवस’ को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य के सभी कॉलेजों में कार्यक्रम होंगे ताकि युवा पीढ़ी को आपातकाल की सच्चाई बताई जा सके। यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोकतंत्र की हत्या की थी और इस सच्चाई से नई पीढ़ी को अवगत कराना हमारा दायित्व है।
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राजद और कांग्रेस गठबंधन पर उठे सवाल
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आपातकाल को लेकर राजद और कांग्रेस गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन लोगों ने लोकतंत्र की हत्या की, उन्हीं के साथ लालू यादव की पार्टी खड़ी है। उन्होंने जयप्रकाश नारायण की विरासत का हवाला देते हुए इसे ‘राजनीतिक अवसरवादिता’ बताया।
दिल्ली में भी NDMC बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव
दिल्ली के मंत्री परवेश वर्मा ने जानकारी दी कि नगर परिषद ने भी एक प्रस्ताव पास कर आपातकाल की निंदा की है और लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान की रक्षा करने वालों के साथ खड़ी है, न कि उसे कुचलने वालों के।
कांग्रेस का आरोपः मुद्दों से भटकाने की साजिश
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा अतीत का सहारा ले रही है। खरगे ने कहा कि जिन लोगों की स्वतंत्रता संग्राम या संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं रही, वे आज गांधी, नेहरू और अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं।
आपातकाल की सियासत पर बढ़ता टकराव
जैसे-जैसे आपातकाल की वर्षगांठ नजदीक आ रही है, आपातकाल को लेकर सियासी घमासान और तेज होता जा रहा है। एक ओर भाजपा इसे लोकतंत्र विरोधी कृत्य करार दे रही है, वहीं कांग्रेस इसे मौजूदा सरकार की विफलताओं को ढकने का जरिया बता रही है। देश इस राजनीतिक टकराव का गवाह बन रहा है, जो इतिहास के सबसे काले अध्याय की याद दिला रहा है।
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