अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। जनपद के देहात कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत हांसडीह गांव में शुक्रवार को एक दु:खद हादसा हुआ। गांव के ही एक 12 वर्षीय किशोर शनि की सरयू नहर में डूबने से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के अनुसार, शनि अपने चचेरे भाई के मुंडन संस्कार में शामिल होने के लिए परिवार के साथ लुधियाना से गांव आया था। वह पिछले तीन वर्षों से अपने परिवार के साथ लुधियाना में रह रहा था।
शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे शनि अपने दो दोस्तों के साथ हांसडीह गांव के पास स्थित सरयू नहर में नहाने गया था। नहाते समय वह अचानक गहरे पानी में चला गया और डूब गया। साथियों ने मदद के लिए शोर मचाया, जिसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और खोजबीन शुरू की। स्थानीय लोगों ने नहर में काफी देर तक सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन शाम आठ बजे तक किशोर का कोई सुराग नहीं मिला।

ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना देने की बात कही लेकिन आरोप है कि प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची। घटना के बाद क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने नहर किनारे सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। फिलहाल ग्रामीण अपने स्तर पर सर्च अभियान जारी रखे हुए हैं।
एमएलके पीजी कॉलेज में पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा सम्पन्न
बलरामपुर। एमएलके पीजी कॉलेज में उत्तर प्रदेश संयुक्त पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा 2025 (ऑनलाइन) सफलतापूर्वक आयोजित की गई। परीक्षा तीन पालियों में हुई, जिसमें कुल 80-80 परीक्षार्थियों का पंजीकरण था। प्रो. जेपी पांडेय (प्राचार्य व केंद्राध्यक्ष) ने जानकारी दी:
➡️ पहली पाली में 68 परीक्षार्थी
➡️ दूसरी पाली में 68 परीक्षार्थी
➡️ तीसरी पाली में 65 परीक्षार्थी उपस्थित रहे।

परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण और नकलविहीन रही। तकनीकी संचालन आईटी टेक्निकल पर्सन श्री अभिषेक सिंह की निगरानी में हुआ। कॉलेज प्रशासन की सतर्कता और व्यवस्थापन के कारण परीक्षा सफलता पूर्वक सम्पन्न हो सकी।
एमएलके पीजी कॉलेज में कथक कार्यशाला का पाँचवां दिन सम्पन्न
बलरामपुर। बिरजू महाराज कथक संस्थान, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं एमएलके पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में चल रही सात दिवसीय ग्रीष्मकालीन निःशुल्क कथक कार्यशाला के पाँचवें दिन प्रतिभागियों को कथक नृत्य की एक अहम विधा ‘टुकड़ा’ की जानकारी दी गई। शुक्रवार को आयोजित इस कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जे.पी. पाण्डेय के निर्देशन एवं एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट (डॉ.) देवेंद्र कुमार चौहान के संयोजन में छात्र-छात्राओं को कथक की बारीकियाँ सिखाई गईं।
कार्यशाला में बिरजू महाराज कथक संस्थान, संस्कृति विभाग से नामित कथक गुरु हर्षिता चौहान ने ‘टुकड़ा’ विषय पर प्रशिक्षण देते हुए बताया कि कथक नृत्य में ‘टुकड़ा’ एक छोटी लेकिन प्रभावशाली नृत्य रचना होती है, जो पारंपरिक ‘बोलों’ से निर्मित होती है। यह आमतौर पर ताल की पहली मात्रा ‘सम’ से शुरू होकर ‘सम’ पर ही समाप्त होती है। नृत्य में प्रयुक्त ‘बोल’ वे शब्दांश होते हैं जिन्हें हाथों व पैरों की मुद्राओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

कथक गुरु ने बताया कि टुकड़ा किसी भी ताल चक्र के एक या अधिक अवतरणों के बाद किया जाता है और यह नर्तक की समझ व प्रस्तुति क्षमता को दर्शाता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के अनेक शिक्षकगण, एनसीसी कैडेट्स व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने कार्यशाला के इस सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया और परंपरागत नृत्य कला की गहराइयों को समझने का प्रयास किया।
दिल्ली में महिला कांग्रेस की बैठक में आरिफा बेकल उत्साही ने लिया भाग
जिला कांग्रेस कमेटी के साथ-साथ बलरामपुर जनपद के फ्रंटल संगठनों की गतिविधियों ने अब रफ्तार पकड़ ली है। इसी क्रम में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस द्वारा दिल्ली में आयोजित महिला जिला अध्यक्षों की बैठक में बलरामपुर से आरिफा बेकल उत्साही ने भाग लिया।आरिफा बेकल उत्साही, पद्मश्री से सम्मानित पूर्व राज्यसभा सांसद बेकल उत्साही की पुत्री हैं।
इस बैठक का आयोजन अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा के नेतृत्व में हुआ। कार्यक्रम में पूर्व महिला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष नट्टा डिसूजा, राष्ट्रीय सचिव रुचिरा चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश सेंट्रल जोन महिला कांग्रेस अध्यक्ष ममता चौधरी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा सहित बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस पदाधिकारी शामिल रहीं।

बैठक के बाद आरिफा बेकल उत्साही ने बताया कि उन्हें पहले बैच में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें संगठन सृजन से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार रखने का भी अवसर मिला। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और प्रदेश सेंट्रल जोन अध्यक्ष ममता चौधरी का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में महिला सशक्तिकरण, संगठन विस्तार, जमीनी कार्यकर्ताओं के सशक्तिकरण और आने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई।
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