अम्बुज भार्गव
बलरामपुर। जनपद की उतरौला तहसील के विकासखंड रेहरा बाजार के ग्राम सभा ग्वालियर गिरंट में आवारा पशुओं की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ये पशु दिन के समय सड़कों पर घूमते हैं जिससे यातायात बाधित होता है वहीं रात के समय खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
गांव के दुकानदार कृष्ण कुमार चौहान, राजकुमार चौहान, विजय चंद्र शुक्ला, विजय कुमार तिवारी, राकेश तिवारी, मिथलेश देवी और सीता पति चौहान ने इस समस्या पर चिंता जताई है। वहीं, किसान ठाकुर प्रसाद चौहान, बेकारू प्रसाद साहू, लक्ष्मी साहू, रमेश चंद्र मिश्रा और अनिल तिवारी ने बताया कि फसलें बर्बाद होने से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि दिन में सड़कों पर आवारा पशुओं की मौजूदगी से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अब तक प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इन आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए, ताकि जनजीवन सामान्य हो सके और किसान अपनी फसलों की रक्षा कर सकें।
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भदवार गांव आज भी पक्की सड़क से वंचित, बरसात में ठप हो जाता है आवागमन
बलरामपुर। जनपद के विकासखंड हरैया सतघरवा के अंतर्गत आने वाला भदवार गांव आज भी पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। जंगल से घिरे इस गांव में बरसात के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं, जब ग्रामीणों का बाहर आना-जाना पूरी तरह से ठप हो जाता है। कच्चे रास्ते कीचड़ और पानी से भर जाते हैं, जिससे पैदल चलना भी जोखिम भरा हो जाता है।

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ग्रामीण छोटे लाल राजभर, गोरे और रामशरण ने बताया कि बरसात के दिनों में गांव से नजदीकी बाजार हरैया तक पहुंचना बेहद कठिन हो जाता है। जंगल से सटे होने के कारण वन्य जीवों का खतरा भी बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि आपात स्थिति में एंबुलेंस या कोई अन्य वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाते। ग्राम प्रधान रफातुल ने बताया कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या की जानकारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण वर्षों से पक्की सड़क की मांग कर रहे हैं।
इस संबंध में स्थानीय विधायक कैलाश नाथ शुक्ल ने कहा कि गांव के चारों ओर वन क्षेत्र होने के कारण सड़क निर्माण में दिक्कत आ रही है। हालांकि, उन्होंने बताया कि इस विषय में एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) से बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि जल्द ही भदवार गांव के लोगों को पक्की सड़क की सुविधा मिलेगी।
दूषित जल से ग्रामीण बीमार, पुराने कुओं के पुनर्जीवन की मांग
बलरामपुर। जनपद के विकासखंड हरैया सतघरवा के डिहवा गांव में पीने के पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। गांव में 1950-60 के दशक में बनाए गए चार कुओं में से अब केवल एक ही चालू है जबकि बाकी तीन कुएं उपयोग के बाहर हो चुके हैं। गांव की आबादी लगभग 800 है और वर्तमान में अधिकांश लोग तीन नलों के माध्यम से पानी प्राप्त कर रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि ये नल करीब 50-60 फीट गहराई से पानी खींचते हैं, जो अक्सर दूषित होता है। इससे गांव में पेट संबंधी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। स्थानीय निवासी मनोज, शिवम और बुझावन का कहना है कि जब लोग कुओं का पानी पीते थे, तब स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती थीं। अब नल के पानी के इस्तेमाल से उल्टी, दस्त, पेट दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
ग्रामीणों ने सुझाव दिया है कि यदि पुराने कुओं की सफाई और सौंदर्यीकरण किया जाए तो वे फिर से उपयोगी हो सकते हैं। उनका मानना है कि इससे स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और गांव का स्वास्थ्य स्तर बेहतर होगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द बंद पड़े कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाए ताकि दूषित जल से फैल रही बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके।
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